सुमिन्तर इंडिया ऑर्गेनिक्स द्वारा जैविक खेती करने हेतु किसान भाईयों के लिए जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है. वर्तमान में खरीफ फसल की बुवाई हुई है. इसी अभियान के अंतर्गत सुमिन्तर इंडिया द्वारा अमरावती के चीखलदरा तहसील के आदिवासी क्षेत्र के किसानों को प्रशिक्षण दिया गया. इस क्षेत्र के किसान अधिकतर पिछड़े, कम पढ़े-लिखे अत्याधुनिक तकनीक से दूर एवम् बाहरी समाज से दूर हैं. वैसे तो यह पारंपरिक खेती करते हैं परंतु अधिक जानकारी ना होने के कारण किसान ज्यादा उत्पादन नहीं ले पा रही है तथा तकनीकी जानकारी ना होने के कारण खरपतवार नियंत्रण कीट एवं रोग नियंत्रण समय पर नहीं हो पा रहा है.
इसी क्षेत्र में इस साल खरीफ फसलों में सुमिन्तर इंडिया द्वारा विभिन्न गांवों के 500 किसानों का चयन किया गया तथा जैविक खेती के अंतर्गत नामांकन किया गया. किसानों को जैविक खेती के गुणों से अवगत कराने के लिए, उन्हें सुमिन्तर इंडिया द्वारा विकसित किए गए जैविक प्रक्षेत्र का भ्रमण कराया गया तथा प्रक्षेत्र में कार्यान्वित किए जा रहे विभिन्न गतिविधियों के बारे में जानकारी दी गई. जिसमें बीज का उपचार, खरपतवार नियंत्रण, कीट एवम् रोग के विभिन्न प्रकार के ट्रैप तथा जैविक तरीके से कैसे किया जाए, इस बारे में जानकारी दी गई.
प्रशिक्षण के दौरान किसानों को स्थानीय स्तर पर उपलब्ध विविध वनस्पति (पेड़-पौधों के पत्तों) से कीटनाशी बनाकर जैविक विधि से उगाई गई अन्य उपयोगी फसल में कीट प्रबंधन करने का प्रशिक्षण दिया गया. प्रशिक्षण के दौरान सुमिन्तर इंडिया ऑर्गेनिक्स के वरिष्ठ प्रबंधक शोध एवं विकास संजय श्रीवास्तव ने किसानों को प्रशिक्षण दिया. इस सत्र का आयोजन महाराष्ट्र के सुमिन्तर इंडिया ऑर्गेनिक्स के प्रबंधक राजीव पाटील ने किया एवं स्थानीय कर्मचारी उपस्थित रहे. वहीं सुमिन्तर इंडिया द्वारा विकसित किए गए जैविक प्रक्षेत्र में कंपनी के प्रकल्प कार्यकारी राहुल चौखंडे एवम प्रक्षेत्र अधिकारी दिनेश धुमावरे के मार्गदर्शन में किसानों ने विभिन्न पेड़-पौधों के पत्तियां, गौमूत्र, इकट्टठा करके जैविक कीट नियंत्रण हेतु ट्रैप के इस्तेमाल के बारे में जानकारी हासिल की.
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