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आर्गेनिक फार्मिंग जितना लोग सोचते हैं, उतनी आसान नहीं: मनोज कुमार मेनन

आज कृषि जागरण के KJ Choupal में आईसीसीओए के कार्यकारी निदेशक में अपनी अहम भूमिका को निभाते हुए आर्गेनिक फार्मिंग से लेकर कुछ महत्वपूर्ण जानकारी साझा की. ताकि लोगों को यह पता चल सके कि असल में यह खेती कितनी कठिन है.

KJ Staff
मनोज कुमार मेनन और रोहिताश्व गाखर  कृषि जागरण  टीम के साथ
मनोज कुमार मेनन और रोहिताश्व गाखर कृषि जागरण टीम के साथ

29 मार्च, 2023 यानी आज कृषि जागरण में केजे चौपाल का आयोजन एक बार फिर से किया गया. बता दें कि पिछले कुछ सालों से कृषि जागरण केजे चौपाल का आयोजन करता आ रहा है, जिसमें कई बड़े दिग्गज नेता सहित किसान भाई शामिल होते हैं और वह अपने विचारों को व्यक्त करते हैं. ताकि वे किसानों की मदद में अपना अहम योगदान दें सके. इसी कड़ी में आज केजे चौपाल में Manoj kumar Menon Executive Director,ICCOA और Rohitashwa Gakhar Director Operations,ICCOA शामिल हुए. इन्होंने जैविक कृषि की वर्तमान स्थिति, टिकाऊ कृषि प्रणालियों और व्यवसायों को बढ़ावा देने के महत्व पर चर्चा की. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ICCOA ने  देश में जैविक क्षेत्र में किसानों व नव युवाओं के बीच नेटवर्किंग का एक बेहतरीन मंच प्रदान किया है. तो आइए जानते हैं कि आज के केजे चौपाल (KJ Choupal) में क्या कुछ खास रहा...

Rohitashwa Gakhar Director Operations,ICCOA
Rohitashwa Gakhar Director Operations,ICCOA

रोहिताश्व गाखर के अनुसार, ICCOA का प्राथमिक उद्देश्य पूरे भारत में जैविक खेती को बढ़ावा देना है. 2004 से, संगठन ने 24 राज्यों में किसानों और किसान समूहों के साथ जैविक संचालन को लागू करने और उन्हें उत्पादन से संबंधित तकनीकों और आवश्यक परियोजना प्रमाणन प्रदान करने के लिए काम किया है. ICCOA ने जैविक उत्पादों की पहुंच बढ़ाने के लिए जैविक परियोजनाओं को बाजार से जोड़ने पर भी ध्यान केंद्रित किया है.

Manoj kumar Menon Executive Director,ICCOA
Manoj kumar Menon Executive Director,ICCOA

केजे चौपाल में आज मनोज कुमार मेनन  ने कहा कि खेती-बाड़ी में कृषि जागरण के संस्थापक एमसी डोमिनिक ने कई भाषाओं में मैगजीन व पोर्टल को शुरु किया है. आज के समय में जहां यह सोचा जाता है कि किसानों को पढ़ना-लिखना नहीं आता है. वह सभी अनपढ़ होंगे. उन्हें इसमें क्या दिलचस्पी होगी. ऐसे में कृषि जागरण ने वह सभी कार्यों को पूरा कर दिखाया है. इन्होंने आज सभी का ध्यान आर्गेनिक खेती (organic kheti) पर केंद्रित किया.

आर्गेनिक फार्मिंग ऐसी खेती नहीं है, जिससे आप तुरंत सिखकर मुनाफा प्राप्त कर सकें. इसमें आपको कम से कम 4 से 5 साल कड़ी मेहनत करनी पड़ती है. फिर कहीं जाकर आपको इससे फायदा मिलना शुरु होता है. उन्होंने बताया कि कुछ लोग विदेश से आते हैं कि हमें अब आर्गेनिक फार्मिंग (organic farming) करनी है. यह सुनने में बहुत ही रोमांटिक आइडिया (romantic idea) लगता है. दरअसल, यह इतना सरल नहीं है, जितना की लोग सोचते हैं कि हमें कह दिया और आर्गेनिक फार्मिंग हो गई. लेकिन देखा जाए तो यह इतनी मुश्किल भी नहीं है. मेनन ने बताया कि जैविक खेती स्थिरता के निकटतम कृषि प्रणालियों में से एक है, और यह स्वस्थ, सुरक्षित और पौष्टिक भोजन प्रदान करती है. उन्होंने कहा कि देश में पोषण संबंधी सुरक्षा चिंताओं को दूर करने के लिए खाद्य उत्पादन व्यवस्था से पौष्टिक खाद्य व्यवस्था की ओर बढ़ना आवश्यक है.

इसके अलावा मेनन ने ग्रामीण भारत को "वास्तविक भारत" मानने और किसानों की स्थिति में सुधार के लिए उनकी जरूरतों को पूरा करने के महत्व पर भी प्रकाश डाला. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जैविक कृषि के परिणामस्वरूप अच्छा उत्पादन और बेहतर अर्थव्यवस्था हो सकती है, लेकिन किसानों को सफलता प्राप्त करने के लिए आवश्यक संसाधन और सहायता प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए.

ये भी पढ़ेंः KJ Chaupal में विदेशी हस्तियों ने की शिरकत, कृषि जागरण के कार्यों की हुई सराहना

एमसी डोमिनिक
एमसी डोमिनिक

कृषि जागरण के संस्थापक और प्रधान संपादक, एमसी डोमिनिक ने मेनन के लिए अपनी प्रशंसा व्यक्त करते हुए कहा कि वह एक उल्लेखनीय नेता हैं जिन्होंने अपना जीवन जैविक कृषि क्षेत्र को समर्पित कर दिया है. साथ ही इन्होंने भूमि और मिट्टी की स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं को दूर करने के लिए जैविक खेती को अपनाने  महत्व को भी रेखांकित किया.

English Summary: Organic farming is not as easy as people think: Manoj Kumar Menon Published on: 29 March 2023, 06:01 PM IST

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