केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी गुरुवार को हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले के दौरे पर रहे. इस दौरान केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी में गुजरात के राज्यपाल आचार्य डॉ. देवव्रत के साथ गुरुकुल कुरुक्षेत्र में प्राकृतिक खेती को लेकर किए जा रहे नवाचारों का अवलोकन किया.
गुरुकुल कुरुक्षेत्र की गांव कैंथला के पास 200 एकड़ जमीन में की जा रही प्राकृतिक खेती एवं उस पर अनुसंधान की सराहना करते हुए केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने बताया कि देश के किसानों को प्राकृतिक खेती के साथ जोड़ने के लक्ष्य को लेकर केंद्र सरकार कृषि हितैषी योजनाओं को अमलीजामा पहनाने का काम कर रही है.
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किसानों का प्राकृतिक खेती की ओर रूझान बढ़ाना समय की जरूरत है. इससे किसानों की लागत कम होगी और आय भी बढ़नी शुरू हो जाएगी. केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों को हमेशा प्रोत्साहित किया है कि वे कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए वैज्ञानिक पद्धति को अमल में लाने के साथ ही परंपरागत प्राकृतिक खेती से होने वाले लाभों को नजरंदाज न करें.
इसके लिए सरकार ने बाकायदा एक अभियान शुरू किया है. कैलाश चौधरी ने कहा कि प्राकृतिक खेती हमारी देशी प्राचीन पद्धति ही है, जिसमें खेती की लागत कम आती है और प्राकृतिक संतुलन स्थापित होने से किसानों को फायदा पहुंचता है. प्राकृतिक खेती रसायनमुक्त व पशुधन आधारित है, जिससे लागत में कमी के साथ ही किसानों की आय में वृद्धि व स्थिर पैदावार होगी तथा पर्यावरण व मृदा स्वास्थ्य सुरक्षित रखने में मदद मिलेगी.
उन्होंने बताया कि कृषि मंत्रालय द्वारा भारतीय प्राकृतिक कृषि पद्धति (बीपीकेपी) की उप-योजना के माध्यम से किसानों को प्रेरित-प्रोत्साहित किया जा रहा है, जिसके परिणामस्वरूप प्राकृतिक खेती का रकबा बढ़ रहा है, जो अभी लगभग चार लाख हेक्टेयर क्षेत्र तक पहुंच चुका है.
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