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Onion Price Hike: प्याज ला रहा है किसान भाइयों की आंख में आंसू

यह हमारी कृषि व्यवस्था की बहुत बड़ी विडंबना है कि जब किसी वस्तु के दाम बहुत अधिक बढ़ते हैं तब भी किसानों को पर्याप्त मुनाफा नहीं मिलता और दाम कम होते हैं तो नुकसान भी किसान ही झेलते हैं.

डॉ. अलका जैन
Onion Price Hike
Onion Price Hike

प्याज के दामों (onion price hike) में एक सीमा से ज्यादा आ रही कमी ने किसान भाइयों को मुसीबत में डाल दिया है. हालात यह हैं कि वह अपनी लागत भी नहीं निकाल पा रहे हैं और लगातार नुकसान पर नुकसान झेल रहे हैं.

गौर करने वाली बात यह है कि जिस दाम पर किसान अपने प्याज को बेचने पर विवश हैं, उससे कई गुना बढ़े दाम पर आम आदमी इसे खरीद रहा है. यानी बिचौलियों की चांदी है. यह हमारी कृषि व्यवस्था की बहुत बड़ी विडंबना है कि जब किसी वस्तु के दाम बहुत अधिक बढ़ते हैं तब भी किसानों को पर्याप्त मुनाफा नहीं मिलता और दाम कम होते हैं तो नुकसान भी किसान ही झेलते हैं. मुनाफा कमाने वाले तो फिर भी कमा ही लेते हैं.

प्याज के उत्पादन (onion production) की दृष्टि से महाराष्ट्र भारत में प्रथम स्थान रखता है. कुल मांग के 40 प्रतिशत प्याज की सप्लाई महाराष्ट्र (Maharashtra) से की जाती है. इस समय यहां के किसान प्याज की घटती कीमतों को लेकर परेशान हैं.

उत्पादन लागत से कम पर बेचना पड़ रहा है प्याज

किसान भाइयों को प्याज अपनी उत्पादन लागत से भी कम कीमत पर बेचकर नुकसान उठाना पड़ रहा है. प्याज की लागत जहां 15 से 20 रुपये तक पहुंच गई है, वहीं किसान प्याज एक रुपये से लेकर 10 रुपये तक बेचने को मजबूर हैं.

प्याज के भावों में क्यों आ रही है कमी

सर्दियों में मौसम की खराबी से हुए नुकसान की भरपाई के लिए किसानों ने प्याज के उत्पादन पर और ज्यादा ध्यान दिया. इस साल प्याज की पैदावार बहुत अच्छी हुई है, इसलिए आपूर्ति मांग से बहुत ज्यादा है और ऐसे में किसानों को प्याज सस्ते में बेचना पड़ रहा है.

एक और कारण यह भी है कि पहले जहां बहुत कम संख्या में किसान प्याज की खेती करते थे, वहां अब प्याज की खेती करने वाले किसानों की बाढ़ सी आ गई है. ऐसे में प्रतिस्पर्धा भी बढ़ी है. प्याज के भाव बढ़ जाने का एक बड़ा कारण यह भी है कि इसके स्टोरेज के लिए पर्याप्त सुविधाजनक स्थान उपलब्ध नहीं हो पाता इसीलिए खराब होने के डर से जल्दीबाजी में किसानों को इससे कम कीमत पर बेचना पड़ रहा है.

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ऐसे मुश्किल समय में किसानों को एक विकल्प के रूप में यही रास्ता नजर आ रहा है कि प्याज की अतिरिक्त फसल का भंडारण किया जाए. यदि प्याज का सही ढंग से भंडारण नहीं किया जाता है तो आधे से ज्यादा प्यास खराब हो सकते हैं. ये गल सकते हैं या अंकुरित हो सकते हैं. हालांकि प्याज के भंडारण की व्यवस्था से भी नुकसान की भरपाई करना मुश्किल है लेकिन फिर भी 15 से 20% तक की भरपाई संभव है.

यदि प्याज का उचित तरीके से भंडारण किया जाए तो यह चार-पांच महीने तक सही स्थिति में रह सकता है. इससे उन किसानों को बड़ा सम्बल मिलेगा जो लागत न निकल पाने के कारण फसल को खेतों में ही नष्ट करने को विवश हैं.

English Summary: Onion Price Hike: Onion is bringing tears in the eyes of farmer brothers Published on: 27 May 2022, 03:44 PM IST

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