संकट की घड़ी में सरकार समर्थन मूल्य पर किसानों से रबी फसल खरीद रही है. लॉकडाउन के दौरान हरियाणा की मंडियों में दूसरे दिन 16,000 से ज्यादा किसानों ने 1.80 लाख मीट्रिक टन गेहूं की बिक्री की है. इसके विपरीत मंडी खुलने के बाद किसान और आढ़ती वर्ग सरकार से कई प्रकार की मांगों को लेकर खफ़ा दिखाई दे रहे हैं. इसी बीच कई किसानों ने 22 अप्रैल प्रदेश में आंदोलन का ऐलान किया.
16546 किसानों से 1,81,973.28 मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया
कृषि एवं किसान कल्याण और सहकारिता विभाग के सचिव संजीव कौशल ने जानकारी दी है कि इस बार अभी तक हरियाणा के खरीद केंद्रों में 16546 किसानों से 1,81,973.28 मीट्रिक टन गेहूं खरीदा जा चुका है. इतना ही नहीं, पिछले दो दिनों में 25,559 किसानों से 2,83,888.97 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की जा चुकी है.
बुधवार को बड़े किसान आंदोलन का ऐलान
इसी बीच भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष रतनमान ने कहा हरियाणा प्रदेश के किसानों से विचार विमर्श के बाद गेहूं खरीद को लेकर बुधवार को एक बड़े किसान आंदोलन का ऐलान किया जाएगा. इसी मसले को लेकर भारतीय किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष व प्रदेश कार्यकारिणी के साथ बात की जा रही है. भारतीय किसान यूनियन की मानें तो किसानों की हालत खराब हो रही है. उन्होंने प्रदेश के किसानों से अपील की है कि आंदोलन के लिए तैयार हो जाएं.
हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने बताया कि सरकार द्वारा किसानों के अनाज खरीद के पुख्ता प्रबंध न करने, फसल खरीदी ऑनलाइन करने के साथ भुगतान पहले की तरह न करने के कारण किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. यही कारण है कि प्रदेश के आढ़ती व किसान में सरकार के प्रति गुस्सा है. आढ़तियों व किसानों का मानना है फसल खरीदी पिछले वर्ष की तरह होनी चाहिए. सरकार को फसल की खरीद, बारदाना, सिलाई, अनाज उठान व फसल का भुगतान आदि सभी प्रबंध करना चाहिए. जिससे फसल बिक्री में कोई अड़चन न उत्पन्न हो.
स्रोत: अमर उजाला
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