कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव अशोक दलवई ने देश में प्रमुख फसल उत्पादन के साथ-साथ पौष्टिक खाद्दान्न उत्पादित करने पर प्रतिबद्धता जताई। ज्ञात हो कि दलवई एसोचैम द्वारा आयोजित कांफ्रेंस को संबोधित कर रहे थे। जिस दौरान उन्होंने कहा कि देश में गेहूं और धान की फसलों के साथ-साथ किसानों को ऐसी फसलों का भी उत्पादन करना चाहिए जिनमें पोषक तत्वों की मात्रा अधिक हो, जिससे न केवल देश में कुपोषण मिटेगा साथ-साथ खेती को एक नई दिशा भी मिलेगी। किसानों को बाजार की सुगमता के लिये उन्होंने कहा खाद्दान्न को बाजार में पहुंचने तक कई स्तरों से गुजरना पड़ता है। जिसमें फसल उत्पादन के बाद उसे बाजार तक पहुंचाने की प्रक्रिया में निजी संस्थानों को भी सरकार के साथ सहभागिता करनी पड़ेगी।
जाहिर है कि देश में बागवानी खेती के कुल उत्पादन में बढ़ोत्तरी हुई है लेकिन उसके उचित भंडारण के लिए सरकार को निरंतर प्रयास करना पड़ेगा। इस बीच कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए अन्य वक्ताओं में आई.एफ.पी.आर.आई के साउथ एशिया के निदेशक डॉ. पी.के जोशी ने बताया कि देश में फसलों की ऐसी किस्में तैयार करने पर जोर देना चाहिए जिनमें स्वयं सूक्ष्म तत्व जैसे जिंक,सल्फर आदि मौजूद हों। संबोधन के दौरान उन्होंने कहा सरकार के सामने जल्द खराब होने वाली सामग्रियों के रख-रखाव की चुनौती है।
तो वहीं टेरीना के निदेशक निखिल राज ने कहा कि देश में सीमांत व किसानों की अधिकता है जिसके लिए किसानों को पौष्टिक खाद्द सामग्रियों की उपलब्धता के लिए उचित प्रबंधन की आवश्यकता है।
Share your comments