प्रदूषित हो रहे वातावरण को पराली के धूएं से निजात दिलाने के लिए बिहार सरकार ने पराली से बना उर्वरक प्रदेश के किसानों को मुफ्त में देने का फैसला किया है. सर्दी के मौसम से पहले बिहार सरकार द्वारा उठाया गया यह कदम पराली के धूएं को कम करने की दिशा में काफी उपयोगी माना जा रहा है. इससे जहां किसान पराली को जलाने से गुरजे करेंगे तो वहीं किसानों को मुफ्त में उर्वरक मिलने से कृषि लागत में भी कमी आएगी. हर साल प्रदेश के किसान भारी मात्रा में पराली से निजात पाने के लिए इसे आगे के हवाले कर देते हैं.
हालांकि, किसानों द्वारा ऐसा करने से उन्हें पराली से निजात तो मिल जाता है, लेकिन इससे वातावरण प्रदूषित होता है, जो न हमारे लिए घातक है, बल्कि हमारी आने पीढ़ी के लिए खतरनाक साबित हो सकती है. बहुधा सर्दियों का मौसम आते ही किसानों के बीच में पराली जलाने का सिलसिला शुरू हो जाता है, जिसको ध्यान में रखते हुए बिहार सरकार का यह कदम काफी उपयोगी माना जा रहा है.
पराली जलाकर तैयार किया जाएगा उर्वरक
पराली को उच्च तापमान पर जलाकर उर्वकर तैयार किया जाएगा. यह उर्वरक भी अन्यत्र उर्वरकों की भांति किसानों के लिए काफी उपयोगी होगा. इससे जहां किसानों की कृषि लागत में कमी आएगी तो वहीं उनकी उपज में भी इजाफा होगा. जिससे उनकी आय में भी बढ़ोतरी होगी.
यहां से शुरू होगी योजना
बिहार सरकार अपनी इस योजना की शुरूआत शाहाबाद से करेगी. पराली को उच्च तापमान में जलाने के लिए जिले के किसान विज्ञान केंद्र में भट्टी खरीद ली गई है. माना जा रहा है कि अगर शाहाबाद में प्रदेश सरकार की यह पहल सफल रही तो प्रदेश के अन्य जिलों में इसकी शुरूआत की जाएगी, जिससे जहां किसानों को फायदा पहुंचेगा तो वहीं पीएम मोदी द्वारा आगामी २०२२ तक किसानों को आय को दोगुना करने का जो लक्ष्य निर्धारिय किया गया है, वो भी पूरा किया जा सकेगा.
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सर्वविदित है कि किसानों द्वारा पराली जलाने की समस्या महज बिहार ही नहीं, बल्कि पंजाब समेत हरियाणा जैसे राज्यों में भी जारी है, जहां सर्दियों का मौसम आते ही पराली जलाने का सिलसिला शुरू हो जाता है, जिससे प्रदूषण का स्तर महज पंजाब और हरियाणा तक ही नहीं, बल्कि राजधानी दिल्ली तक एंट्री देने पर आमादा हो जाता है, जिससे यहां रहने वाले लोगों का सांस लेना मुहाल हो जाता है. खैर, अब उम्मीद है कि बिहार सरकार द्वारा उठाए गए उक्त कदम से किसान पराली जलाने की आदत से तौबा करेंगे.
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