पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य के सभी किसानों को फसल बीमा के दायरे में लाने के लिए नियमों में विशेष ढील दी है. पहले जो किसान सरकारी फसल बीमा योजना का लाभ पाने के लिए आवेदन करते थे उन्हीं को इसका लाभ मिलता था. लेकिन सरकार ने अब सभी किसानों को फसल बीमा योजना के दायरे में लाने का प्रयास शुरू किया है. इसके लिए नियमों को अत्यंत सरल किया गया है. अब जो किसान फसल बीमा के लिए आवेदन नहीं करेंगे उन्हें भी इसका लाभ मिलेगा. चालू वित्त वर्ष के लिए अगर कोई किसान फसल बीमा के लिए आवेदन नहीं करता है लेकिन पिछले वर्ष यदि उसने आवेदन किया है तो वह अगले वर्ष भी मान्य होगा.
प्रशासिनक सूत्रों के मुताबिक राज्य सरकार ने उपग्रह से फसलों की निगरानी करने का फैसला किया है. इसके लिए ममता सरकार ने इसरो के साथ एक करार किया है. उपग्रह के माध्यम से फसलों की निरगरानी की जाएगी ताकि किसी कारण फसल नष्ट होती है तो उसकी तसवीर उपग्रह के माध्यम से सरकार के पास आ जाएगी. फसलों पर निरंतरन निगरानी के लिए राज्य सचिवालय नवान्न में एक कंट्रोल रूम भी खोल दिया गया है.
प्राकृतिक आपदा और तूफान आदि के कारण फसलें नष्ट होने पर किसान मौखिक शिकायत करते थे. इसलिए बीमा कंपनियां उनकी बात मान कर बीमा राशि देने को तैयार नहीं होती थी. इसलिए सरकार ने उपग्रह के माध्यम से फसलों की निगरानी कऱने का निर्णय किया है. फसलें नष्ट होने पर संबंधित किसान को बीमा राशि मिलेगी. कोई भी किसान फसल बीमा का लाभ पाने से वंचित नहीं होगा. जो किसान कृषक बंधु परियोजना में अपना नाम दर्ज नहीं कराए हैं वे भी अब बीमा के दायरे में होंगे. राज्य सरकार सभी किसानों को बीमा योजना के दायरे में नाम दर्ज करने की कारगर व्यवस्था करने जा रही है. उहग्रह से फसलों की निगराना का फैसला इसी व्यवस्था का अंग है.
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पिछले साल अपनी जिस महत्वाकांक्षी कृषक बंधु परियोजना की शुरूआत की थी उसका लाभ अब किसानों को मिलने लगा है. कृषक बंधु परियोजना को बेहतर बताते हुए मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार की पीएम किसान सम्मान निधि योजना को राज्य में लागू करने से इनकार कर दिया है. उनका तर्क है कि राज्य सरकार की कृषक बंधु योजना से किसानों की जरूरतें पूरी जाएगी. फसल बीमा से लेकर दुर्घटना और मौत होने पर भी किसानों को इस योजना के तहत आर्थिक लाभ मिलता है. कृषक बंधु योजना के तहत 19 से लेकर 60 वर्ष की उम्र तक कृषक परिवार का कोई भी सदस्य इस योजना का लाभ पाने का हकदार है. इस योजना के तहत नाम पंजीकृत करने वाले किसान और खेतीहर मजदूरों की असमय मौत होने पर उनके परिजनों को सरकार दो लाख रुपए की राशि देती है. साथ ही सरकार फसल बीमा की प्रिमियम का भुगतान खुद करती है. इस योजना के तहत प्रति एकड़ भूमि पर किसानों को 5 लाख रुपए सालाना आर्थिक मदद भी सरकार देती है
अभी तक राज्य में 47 लाख 19 हजार 439 किसानों ने कृषक बंधु परियोजा का लाभ पाने के लिए अपना नाम पंजीकृत किया है. हालांकि राज्य में 72 लाख किसान समेत असंख्य खेतीहर मजदूर भी कृषि कार्य से जुड़े हैं. सरकार ने अधिक से अधिक किसानों को कृषक बंधु परियोजना का लाभ पाने के लिए नाम पंजीकृत करने को कहा था. लेकिन नाम पंजीकृत कराने में किसानों के लिए होने वाली तकनीकी दिक्कतों को देखते हुए सरकार ने नियम को अत्यंत सरल कर दिया है. अब राज्य के सभी किसान फसल बीमा का लाभ पाने के हकदार होंगे. फसल बीमा के लिए उनका नाम पंजीकृत करने के लिए सरकारी स्तर पर प्रयास शुरू किया गया है. नाम पंजकृत नहीं करने वाले किसान भी फसल बीमा का लाभ पाने से वंचित नहीं होंगे. उपग्रह से फसल की निगरानी होने पर किसानों को खेती का प्रमाण पत्र भी लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
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