देशभर में वायु प्रदूषण की स्थिति दिन पर दिन गंभीर होती जा रही है. बड़े शहरों के हाल तो बद से बदतर हो गए हैं. ऐसे में पहले से ही दिल्ली,मुंबई जैसे महानगरों में प्रदूषण की गंभीर स्थिति को देखते हुए वाहनों के उपयोग को लेकर नियमों में बदलाव किए गए हैं.
जिसके तहत 10 साल पुराने डीजल वाहनों और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों को लेकर नियमों में कई बदलाव किए गए हैं. अब जाकर सरकार ने वाहनों की फिटनेस को लेकर भी नियमों में बदलाव किए हैं.
अब वाहनों के फिटनेस टेस्ट हुए आसान(Now the fitness test of vehicles has become easy)
सरकार वाहनों के फिटनेस टेस्ट में होने वाली दिक्कतों को देखते हुए इसमें बदलाव की तैयारी कर रही है. इसे और आसान बनाने के लिए सरकार स्वचालित टेस्टिंग स्टेशन बनाने से जुड़े नियम और शर्तों में बदलाव किए है. इसके तहत गाड़ी मालिक अपनी गाड़ियों का किसी भी राज्य में रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं चाहे फिर आपने अपनी गाड़ी किसी अन्य राज्य से ही क्यों न खरीदी हो. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि इसके अलावा सरकार ने वाहनों की समयसीमा खत्म होने या उन्हें सड़क पर दौड़ाने के अयोग्य घोषित करने के नियमों में भी बदलाव किए है. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि उसने इसके लिए 25 मार्च 2022 को एक ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी किया है.
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क्या-क्या बदले हैं नियम?(What is the new rule for fitness test of vehicles)
सबसे जरूर नियम ये बदला है अगर किसी गाड़ी का रजिस्ट्रेशन एक राज्य में हुआ हो तो ये अनिवार्य नहीं होगा कि उस वाहन की फिटनेस टेस्ट भी उसी राज्य में कराई जाए. अब आप वाहनों के फिटनेस टेस्ट किसी भी राज्य में करा सकते है.
इसके साथ ही फिटनेस टेस्ट के रिज्लट को भी ऑटोमैटिक बना दिया गया है, ऐसा इसलिए ताकी इसमें किसी भी तरीके की गड़बड़ी या हेरफेर की कोई गुंजाइश न बचे.
इसके तहत अब गाड़ियों के फिटनेस टेस्ट करने वक्त सीधे वाहनों की जांच के संकेतों को मशीन के जरिए पकड़ते हुए सर्वर तक भेजे जाएंगे.
नियमों में ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशनों की मान्यता, लाइसेंसिंग और नियंत्रण से जुड़े नियम शर्तों में भी बदलाव किए गए है.
वाहनों को अनफिट घोषित करने के नियमों में भी बदलाव(Changes in the rules for declaring vehicles unfit)
इस नियम के तहत ना सिर्फ वाहनों के फिटनेस टेस्ट को लेकर बदलाव हुए है बल्कि वाहनों को अनफिट घोषित करने के नियमों में भी बदलाव किए गए हैं. इसके तहत अब इलेक्ट्रिक वाहनों की जांच के लिए कई नए उपकरणों को शामिल कर दिया गया है. इससे टेस्ट रिजल्ट के और भी सटीक और सही आने की संभावना है. इसके द्वारा टेस्ट रिजल्ट का नया फार्मेट मिलेगा, जो वाहन मालिकों को दिया जायेगा, जिससे वाहन मालिकों को इसे लेकर कोई आशंका नहीं रहेगी.
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