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अब हर गाय का होगा अपना नंबर

गायों की तस्करी और फर्जी गौ सेवकों के ऊपर लगाम लगाने के लिए केंद्र द्वारा कोर्ट को सौंपी गई इस रिपोर्ट के अनुसार केंद्र सरकार गायों के लिए भी आधार कार्ड जैसी योजना लागू करना चाहती है। सरकार ने यूआईडी जैसी व्यवस्था के जरिए गायों की वास्तविक स्थिति का पता लगाने जैसे तकनीक को विकसित करने की दिशा में प्रयासरत है।

गायों की तस्करी और फर्जी गौ सेवकों के ऊपर लगाम लगाने के लिए केंद्र द्वारा कोर्ट को सौंपी गई इस रिपोर्ट के अनुसार केंद्र सरकार गायों के लिए भी आधार कार्ड जैसी योजना लागू करना चाहती है। सरकार ने यूआईडी जैसी व्यवस्था के जरिए गायों की वास्तविक स्थिति का पता लगाने जैसे तकनीक को विकसित करने की दिशा में प्रयासरत है।

इस रिपोर्ट में अंकित किया गया है कि खुले और रोड पर पाए जाने वाले जानवरों की सुरक्षा और देखभाल की जिम्मेदारी मुख्य रूप से राज्य सरकार की है। इस रिपोर्ट में कहा गया कि हर जिले में छोड़े गए जानवरों के लिए 500 की क्षमता वाला एक शेल्टर होम होना चाहिए। इससे जानवरों की तस्करी में काफी हद तक कमी आएगी।  

गौरतलब है कि भारत-बांग्लादेश सीमा पर गायों की तस्करी का मामला बहुत पेंचीदा है। मवेशियों की तस्करी सीमा पर फायरिंग का भी मुख्य कारण है। केंद्र सरकार द्वारा इस पर काफी सख्ती की जा रही है जिससे इस पर पूरी तरह से अंकुश लगाया जा सके।  

मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार सरकार प्रोजेक्ट गाय को लॉन्च करने की योजना बना रही है। सरकार प्रत्येक राज्य में 'गाय अभ्यारण्य' के प्रस्ताव पर भी विचार कर रही है।

English Summary: Now every cow will have your number Published on: 28 August 2017, 02:06 AM IST

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