1. Home
  2. ख़बरें

New varieties of wheat: आईसीएआर ने विकसित की गेहूं की तीन नई किस्में, बढ़ते तापमान में भी देंगी बंपर पैदावार

आईसीएआर द्वारा विकसित की गई गेहूं की यह नई किस्में तापमान आधारित हैं. गेहूं की यह नई किस्में डीबीडब्ल्यू 370 (करण वैदेही), डीबीडब्ल्यू 371 (करण वृंदा), डीबीडब्ल्यू 372 (करण वरुणा) हैं. अगर हम इन किस्मों के उत्पादन की बात करें तो यह प्रति हेक्टेयर में 87.1 क्विंटल तक का उत्पादन देने में सक्षम हैं.

प्रबोध अवस्थी
आईसीएआर ने विकसित की गेहूं की तीन नई किस्में डीबीडब्ल्यू 370 (करण वैदेही), डीबीडब्ल्यू 371 (करण वृंदा) और  डीबीडब्ल्यू 372 (करण वरुणा)
आईसीएआर ने विकसित की गेहूं की तीन नई किस्में डीबीडब्ल्यू 370 (करण वैदेही), डीबीडब्ल्यू 371 (करण वृंदा) और डीबीडब्ल्यू 372 (करण वरुणा)

बदलती जलवायु के बाद भी तकनीकी ने कई बड़े परिवर्तनों के साथ कृषि को एक नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है. आज विकसित होती फसलों की नई-नई किस्मों ने पैदावार में कई गुना की वृद्धि की है. भारत गेहूं के उत्पादन में पूरी दुनिया में दूसरे नंबर पर है. इसका कारण देश के कई कृषि विश्वविद्यालय और कृषि संस्थायें हैं जो नए और उन्नत बीजों को विकसित करती रहती हैं. आज हम आपको आईसीएआर द्वारा विकसित की गई गेहूं की कुछ नई किस्मों के बारे में बताने जा रहे हैं. यह विकसित की गई गेहूं की किस्में बढ़ते तापमान के चलते भी ज्यादा पैदावार में सहायक होंगी.

यह तीन किस्में की विकसित

आईसीएआर द्वारा विकसित की गई गेहूं की यह नई किस्में तापमान आधारित हैं. गेहूं की यह नई किस्में डीबीडब्ल्यू 370 (करण वैदेही), डीबीडब्ल्यू 371 (करण वृंदा), डीबीडब्ल्यू 372 (करण वरुणा) हैं. गेहूं की यह किस्में आईसीएआर-भारतीय गेहूँ और जौ अनुसंधान संस्थान, करनाल, हरियाणा द्वारा विकसित की गई हैं. यह सभी किस्में अपनी-अपनी जगह कई नए गुणों वाली हैं.

डीबीडब्ल्यू 371 (करण वृंदा)

गेहूं की यह किस्म वैज्ञानिकों ने पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान (कोटा व उदयपुर सम्भाग को छोड़कर) पश्चिमी उत्तर प्रदेश (झाँसी मंडल को छोड़कर), जम्मू कश्मीर के जम्मू और कठुआ जिले , हिमाचल प्रदेश का ऊना जिला, पोंटा घाटी और उत्तराखंड क्षेत्रों के लिए विकसित की है. दरअसल गेहूं की यह फसल अगेती बुआई के लिए ज्यादा प्रभावी है और इन सभी क्षेत्रों में इस तरह की खेती प्रचालन में है. इसकी उत्पादकता एक हेक्टेयर में 87.1 क्विंटल है.

डीबीडब्ल्यू 370 (करण वैदेही)

इस किस्म की उत्पादकता 86.9 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है. वहीं औसत उपज की बात करें तो यह किस्म 75 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की पैदावार देती है. इसके पौधे की ऊंचाई लगभग 99 सेंटीमीटर तक होती है. सीजन में यह फसल लगभग 150 दिनों में तैयार हो जाती है.

डीबीडब्ल्यू 372 (करण वृंदा)

गेहूं की यह किस्म भी बम्पर पैदावार के लिए जानी जाएगी. इसकी प्रति हेक्टेयर पैदावार 85 क्विटंल तक है. वहीं इसकी औसत पैदावार की बात करें तो यह लगभग 75 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक हो जाती है. इसके पौधे की लंबाई भी अन्य से ज्यादा लगभग 95 सेंटीमीटर तक होती है.

यह भी पढ़ें: पराली मैनेजमेंट पर राज्य सरकार देगी सब्सिडी, 30 नवंबर से पहले करें आवेदन

रोग प्रतिरोधी हैं किस्में

आईसीएआर हरियाणा द्वारा विकसित की गई यह किस्में अन्य किस्मों से ज्यादा रोग प्रतिरोधी हैं. गेहूं में लगने वाले रोग पीला और भूरा रतुआ की सभी रोगजनक प्रकारों के लिए प्रतिरोधक का काम करती हैं यह किस्में. इसके साथ ही अगर आप इसके बीजों को खरीदना चाहते हैं तो आपको रबी की फसल के लिए यह बीज आईसीएआर-भारतीय गेहूँ और जौ अनुसंधान संस्थान, करनाल, हरियाणा के सीड पोर्टल पर संपर्क कर प्राप्त कर सकते हैं.

English Summary: new wheat varieties developed by ICAR higher yield wheat varieties in India Published on: 05 October 2023, 06:35 PM IST

Like this article?

Hey! I am प्रबोध अवस्थी. Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News