लॉकडाउन के तहत देश की सबसे बड़ी मंडियों में से एक, आजादपुर मंडी में विशेष नियम लागू किए गए हैं. फल-सब्जियों को सबसे जरूरी उत्पादों की श्रेणी में रखते हुए बिना किसी पाबांदी के सोशल डिस्टेंसिंग का यहां पालन करवाया जा रहा है. गाडियों की अनुमती के नियम कठोर कर दिए गए हैं, अब एक एक आढ़ती के लाइसेंस पर एक ही गाड़ी की एंट्री हो रही है. व्यापारियों को ऑड-ईवन की तर्ज पर व्यापार करने को कहा गया है. वहीं भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बिक्री के समय में बदलाव किए गए हैं.
बिक्री का समय
लॉकडाउन के तहत अब यहां सुबह 6 से 11 बजे तक ही खरीद-बिक्री का काम हो सकेगा. उसके बाद दोहर 2 बजे से 6 बजे तक मात्र फलों का व्यापार हो सकेगा. इस बारे में व्यापारियों का कहमा है कि निसंदेह सरकार के इस नए कानून से हमें नुकसान हो रहा है और आने वाले कुछ दिनों तक ऐसा ही चला तो व्यापार की कमर टूट जाएगी. लेकिन समय की गंभीरता को समझते हुए, अभी ऐसा करना ही सही जान पड़ता है. लिहाजा वो सरकार के साथ हैं.
प्रवेश की अनुमति
प्रशासन हर संभव प्रयास कर रही है, जिस से मंडी में कम से कम लोगों की भीड़ हो. 2000 से अधिक लोगों को मंडी में एक साथ आने की अनुमति नहीं है. मंडी में भीड़ कम होने के कारण सब्जियों की बिक्री 50 पर्सेंट तक कम हो गई है. सबसे अधिक फर्क आलू और प्याज की कीमतों पर पड़ा है. आलू के दाम 17 से सीधे 12 रूपए हो गए हैं, इसी तरह प्याज के दाम भी कम हुए हैं. आने वाले समय में लॉकडाउन के कारण सब्जियों के दाम और अधिक बढ़ने के आसार हैं. इसका एक कारण यह भी है कि मंडियों में रेहड़ी-पटरी और दूसरी गाड़ियों से आने वाले लोगों को खुली एंट्री नहीं मिल रही है.
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