भारत सरकार की तरफ से साल 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए लगातार कदम उठाए जा रहे हैं. इसके लिए सरकार ने नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट यानी ई-नाम स्कीम (e-Nam Mandi) की शुरुआत कर रखी है. ई-नाम स्कीम (e-Nam Mandi) की शुरुआत 14 अप्रैल 2016 में हुई, जिसमें देशभर की 585 मण्डियों को इंटरनेट से जोड़ा गया था. बता दें कि ई-नाम स्कीम (e-Nam Mandi) को 5 साल पूरे हो चुके हैं.
ई-नाम स्कीम से जुड़ेंगी और मण्डियां
इस मौके पर कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने विडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से ई-नाम परियोजना की पांचवी वर्षगांठ की बधाई दी. इसके साथ ही और 1000 नई मण्डियों को जोड़ने के निर्देश दिए हैं. इस योजना की पांचवी वर्षगांठ के उपलक्ष्य में भारत का अमृत महोत्सव सप्ताह 12 से 18 अप्रैल 2021 तक मनाया जाएगा.
क्या है ई-नाम स्कीम
यह एक इलेक्ट्रॉनिक मण्डी पोर्टल है, जो देशभर में मौजूद मण्डियों को एक नेटवर्क से जोड़ने का काम करता है. इसका उद्देश्य कृषि उत्पादों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक बाजार उपलब्ध कराने का है. इससे किसानों को बाजार में फसलों का उचित मूल्य मिल सकता है. मौजूदा समय में किसान और व्यापारी तेजी से इसके साथ जुड़ रहे हैं. बता दें कि देश के 18 राज्यों और 3 केन्द्र शासित प्रदेशों में ई-नाम स्कीम (e-Nam Mandi) का संचालन हो रहा है. इसमें 1000 मंडियां ई- नाम पर जुड़ चुकी हैं.
1.72 करोड़ लोग रजिस्टर्ड
ई-नाम स्कीम (e-Nam Mandi) में खेती-किसानी एवं कृषि उत्पादों के कारोबार से जुड़े लगभग 1.72 करोड़ लोग रजिस्टर्ड हो चुके हैं. केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की मानें, तो ई-नाम से 1,70,25,393 किसान जुड़ चुके हैं.
इसी तरह मंत्रालय की मानें, तो ई-नाम पोर्टल पर 1,63,391 ट्रेडर और 90,980 कमीशन एजेंट भी रजिस्टर्ड हैं.
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