देश में बेरोजगारी को कम करने के लिए सरकार कई योजनाओं पर काम करती रहती है. जिससे लोगों को रोजगार प्राप्त हो सके. इसी क्रम में सरकार ने नए लेबर कोड के नियम (New labor code rules) में बदलाव किए हैं.
सरकार का मानना है कि लेबर कोड के नियमों में बदलाव करने से देश के निवेश में बढ़ोतरी होगी और नए रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे. इस नए नियम को सरकार देशभर में 1 जुलाई से लागू कर सकती है. फिलहाल हमारे देश में करीब 23 राज्यों ने लेबर कोड के नए प्रावधानों को सहमति दी है और 7 राज्यों को सहमति देना बाकी है.
आपको बता दें कि, इस नए नियम के तहत कर्मियों के काम के घंटे, ईपीएफ, स्वास्थ्य और श्रमिक कल्याण में उनके योगदान और इन हैंड सैलरी में भी कई बदलाव होंगे. तो आइये New Labour laws के नए नियमों को विस्तार से जानते हैं....
नए लेबर कोड के नियम (New labor code rules)
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नए लेबर कोड के नियमों के तहत कर्मचारियों को अब काम करने के घंटों में विशेष छूट मिलेगी. कर्मचारी 8-9 घंटो से बढ़ाकर 12 घंटे तक काम कर सकते हैं. इसके लिए कंपनी को फिर अपने कर्मचारियों को सप्ताह में 3 छुट्टी देनी होगी.
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इसके अलावा नए नियम के तहत कर्मचारियों के ओवरटाइम के 50 घंटे से बढ़ाकर 125 घंटों तक किया जा सकता है.
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यह भी बताया जा रहा है कि नए नियम को लागू होने के बाद से टेक होम सैलरी और ईपीएफ में भी बदलाव होगा. इसे कर्मचारियों की बेसिक सैलरी/ग्रॉस सैलरी से लगभग 50 प्रतिशत रखने का प्रावधान हो सकता है.
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रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली राशि और ग्रेच्युटी में भी इजाफा देखने को मिल सकता है.
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इस नए लेबर कोड में कर्मचारियों की लीव का भी ध्यान रखा गया है. बताया जा रहा है कि अगर कर्मचारी की इस साल की लीव बच जाती है, तो इसे अलगे साल की लीव में जोड़ दिया जाएगा. इसके अलावा साल में काम के 240 दिनों को घटाकर 180 दिन भी किया जा सकता है.
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इसके अलावा वर्क फ्रॉम होम को कानूनी मान्यता दी जाएगी. क्योंकि कोरोना महामारी के दौरान कई सेक्टरों ने कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम पर रोजगार दिया था. जिसके चलते सरकार ने इस योजना को अब कानूनी ढांचे में लाने का प्रावधान किया है.
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