राजस्थान पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्दालय के कुलपति बी.आर. छींपा ने कहा है कि देशी नस्लों के पशुओं के पालन-पोषण पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। छीपा ने 21 दिनों के शीतकालीन कार्यशाला के उद्घाटन के अवसर पर ये बात कही। उन्होंने कहा कि हमेशा से देशी नस्लों का प्रचलन रहा है ये वातावरण के अनुकूल व लाभकारी सिद्ध हुईं हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि देशी पशुधन के उत्पाद काफी गुणकारी होते हैं।
इस दौरान उन्होंने वैज्ञानिकों से अनुरोध किया कि नई तकनीक और वैज्ञानिक ज्ञान को किसानों तक पहुंचाए। देश में पशुपालन भी कृषि से आय दो गुनी करने का भूमिका अहम है। तो वहीं हिसार के वैज्ञानिक डॉ त्रिलोक चंद्र ने भी नई तकनीक से पशुधन की उत्पादकता बढ़ाए जाने की बात का समर्तन किया। इसके अलावा प्रोफेसर एससी गोस्वामी ने विभिन्न राज्यों से आए हुए वैज्ञानिकों के साथ देशी नस्ल के पशुओं के संवर्धन पर चर्चा की।
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