पिछले कुछ महीनों से केंद्र सरकार से कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे किसानों की जहां एक तरफ सरकार अब कुछ भी सुनने समझने को तैयार नहीं है, तो वहीं दूसरी तरफ इसे लेकर शुरू हुई सियासी तकरार में बड़े-बड़े सियासी सूरमा उलझते हुए नजर आ रहे हैं. वहीं, पिछले कुछ दिनों से सियासी कायनात से अलहदा हो चुके नवजोत सिंह सिद्ध एकाएक किसानों के पक्ष में अपनी आवाज मुखर कर जिस तरह का झटका दिए हैं, उसे जानकर हर किसी के होश फाख्ता हो रहे हैं. उन्होंने किसानों के समर्थन में अपनी आवाज बुलंद कर केंद्र सरकार के खिलाफ एक बार फिर से मोर्चा खोल दिया है.
फिलहाल तो अपनी कही बातों को जमीन पर उतारकर उन्होंने यह साबित कर दिया है कि वे किसानों के साथ हैं. बता दें कि उन्होंने यह ऐलान करते हुए कहा था कि वे किसानों के पक्ष में कल यानी की मंगलवार को अमृतसर और पटियाला में अपने घरों पर किसानों के पक्ष में काला झंडा फहराएंगे, जिससे कि किसानों भाइयों को यह प्रतीत हो सके कि हम उनके साथ हैं. उन्होंने कल खुद ट्वीट कर इस बात की जानकारी साझा की थी. उनका यह ट्वीट भी खासा वायरल हुआ था, जिसमें उन्होंने किसानों के पक्ष में काला झंडा फहराने की बात कही थी.
वहीं, आज उन्होंने अपनी कही बातों के अनुसार सुबह 9: 30 बजे अपने आवास पर काला झंडा फहरा दिया है. इतना ही नहीं, उन्होंने अन्य लोगों से भी किसानों के पक्ष में काला झंडा फहराने के लिए कहा है, ताकि किसान भाइयों को इस बात का एहसास हो सके कि वे अभी इस लड़ाई में अकेले नहीं हैं. हम उनके साथ हैं.
26 मई को होगा भारत बंद
यहां हम आपको बताते चले कि एक बार फिर से किसान संगठनों ने केंद्र सरकार तक अपनी बात पहुंचाने के लिए आगामी 26 मई को संपूर्ण भारत बंद का ऐलान किया है, जिसका कुल 26 किसान संगठनों समेत कई विपक्षी दलों ने भी समर्थन किया है. बता दें कि यह कोई पहला मौका नहीं है कि जब किसान संगठन सरकार तक अपनी बात पहुंचाने के लिए इस तरह भारत बंद का ऐलान कर चुके हैं, लेकिन इससे पहले भी कई मौकों पर किसान संगठन भारत बंद का ऐलान कर चुके हैं, मगर इसका कभी व्यापक असर नहीं दिखा है और न ही केंद्र सरकार पर किसी भी प्रकार का कोई असर पड़ा है.
अब ऐसे में यह देखना बेहद दिलचस्प रहेगा कि जब किसान आंदोलन को पूरे 6 माह मुकम्मल हो चुके हैं, तो अब इसका केंद्र सरकार पर क्या कुछ असर पड़ता है.
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