राष्ट्रीय किसान महासंघ ने आज दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया। कान्फ्रेंस का आयोजन देश में 1 से 10 जून तक चल रहे किसानों के आंदोलन के बारे में चर्चा और जानकारी देने के लिए किया गया था। कांन्फ्रेंस में देश के कई हिस्सों के किसान नेता मीटिंग में सम्मिलित होने पहुंचे थे। जिसमें शिव कुमार कक्काजी, गुरनाम सिंह, जगजीत सिंह, संदीप गिड्डे, सतवंत, बसवराज पाटील,व अन्य लोग शामिल थे। सभी ने एक एक कर अपनी बात रखी और सरकार पर किसान विरोधी होने के कइ आरोप लगाए।
कान्फ्रेंस में सबसे पहले मध्य प्रदेश से आए शिव कुमार ने अपनी बातों को रखा और कहा कि देश के किसान सरकार से काफी परेशान हैं और देश पूरे देश में किसानों के द्वारा आंदोलन की शुरूआत हो चुकी है। गत 1 जून से 10 जून तक दूध, फल और सब्जियों की सप्लाई शहर में रोका जा चुका है। आगे उन्होंने कहा कि ये किसानों की हक की लड़ाई है और इसका मकसद किसी को नुकसान पहुंचाना नहीं है। उन्होंने कहा कि फलों और सब्जियों की शहर में सप्लाई बंद कर दी गई है लेकिन कीसान यही चाहते हैं कि शहर के लोग गांव में आकर उन्से ये सारी चीज़े खरिदें ताकी उन्हें भी किसानों की स्थिती के बारे में पता चल सके। आखिरी में उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार किसानों के इस आंदोलन को असफल करने के सारे प्रयास कर कर रही है जिसमें सोशल मीडिया का मुख्य तौर पर प्रयोग किया जा रहा है।
आगे कान्फ्रेंस में पंजाब से आए जगजीत सिंह ने कान्फ्रेंस को संबोधित किया और कहा कि देश के किसानों के साथ भाजपा ने सरकार बनने के बाद छलावा किया है और उन्हें उनकी हक से वंचित रखा जा रहा है। आगे उन्होंने किसानों द्वारा 1 जून से 10 जून तक बंद को किसानों के हक की लड़ाई बताया है। उन्होंने साथ में ये भी कहा की किसान शांतिपूर्ण ढ़ग से हर राज्य में प्रदर्शन कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश से आए चौ. हरपाल सिंह ने उत्तर प्रदेश में गन्ना कीसानों के स्थिती के उपर संक्षेप में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि देश के अंदर पूरे गन्ने का आधा अकेले यूपी में उगाया जाता है लेकिन गन्ना किसानों की स्थिती यूपी में अच्छी नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार ने वादा किया था की अगर वो सत्ता में आएगी तो 15 दिन के भीतर गन्ना किसानों का भुगतान किया जाएगा लेकिन आज आजादी के 70 वर्ष के बाद देश में गन्ना किसानों का बकाया सबसे ज्यादा है और वो है लगभग 12 हजार करोंड़ रुपए। और इसके साथ ही आरोप लगाया कि सरकार किसानों को लेकर हर मोर्चे पर फेल है।
कान्फ्रेंस में हर किसी ने एक-एक कर किसानों के कई मुद्दों पर सरकार को घेरा और अपने-अपने क्षेत्र में चल रहे किसानों के आंदोलन के बारे में जानकारी मुहैया कराया। आखिरी में बसवराज पाटील ने कान्फ्रेंस का अंत करते हुए कहा कि सरकार अलग-अलग दल के साथ अलग तरह से बात करती है और सरकार किसानों के प्रती संवेदनशील नहीं है।
बैठक में क्या निर्णय लिया गया
- सबसे पहले बैठक में निर्णय लिया गया कि 6 जून को देशभर में श्रद्धांजलि समारोह आयोजित किया जाएग जिसमें पिछले साल मंदसौर में शहीद हुए किसानों को श्रद्धांजलि दी जाएगी। मंदसौर में श्रद्धांजलि समारोह 8 जून को आयोजित किया जाएगा, इस कार्यक्रम में पूर्व मंत्री यशवंत सिन्हा, सांसद शत्रुध्न सिन्हा व प्रवीण तोगड़ीया उपस्थित रहेंगे।
- 7 जून को देशभऱ में राष्ट्रीय किसान महासंघ के किसान सभी सरकारी हस्पतालों में फ्री में दूध बाटेंगे।
- 8 जून को देशभर में सभी किसान अपने क्षेत्र के अधिकारियों को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन देंगे एवम साथ में दूध व ताजा सब्जी भेंट करेंगे, सरकार द्वारा पाकिस्तान से मंगवाई गया चीनी भी बीजेपी के नेताओं को भेंट करेंगे।
- 9 जून को देशभर में सभई किसान भूख हड़ताल करेंगे।
- 10 जून को किसानों द्वारा भआरत बन्द आयोजित किया जाएगा।
वहीं किसानों ने सरकार को अल्टीमेटम दिया है कि अगर 10 जून तक सरकार ने किसानों की बात नहीं सुनी तो राष्ट्रीय किसान महासंघ के प्रतिनिधि महामहिम राष्ट्रपति से मिलकर अपनी बात रखेंगे व 10 जून के बाद पूरे देश में बीजेपी की शवयात्रा निकालेंगे।
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