ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को आत्मनिर्भर और किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट (NABARD) की शुरुआत की गयी. इस योजना के तहत किसानों और ग्रामीण क्षेत्र के निवासी को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है. सरकार का मुख्य उद्देश्य हर नागरिक को मदद करना है. इसी बीच तमिलनाडु के किसानों के लिए एक अच्छी खबर है.
बता दें कि तमिलनाडु में कृषि कार्यों को बढ़ावा देने हेतु किसानों को अब नाबार्ड की तरफ से 7012 करोड़ रुपए का लोन प्रदान किया जयेगा. जिससे किसानों को अब काफी लाभ भी मिलेगा. यह पहल किसानों के हित के लिए शुरू की गयी है. किसानों के पास धन राशि की व्यवस्था ज्यादा अच्छी नहीं होती नहीं है. ऐसे में नाबार्ड की तरफ से यह पहल किसानों के लिए कारगार साबित होगी.
वहीँ, नाबार्ड, तंजावुर जिले के सहायक द्वारा मिली जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है कि अगले वर्ष के दौरान फसलों के वित्तपोषण के पैमाने और उनकी खेती के संभावित क्षेत्र के आधार पर लगाया गया था. बैंक के अनुमान के मुताबिक, किसानों को 4,740.73 करोड़ रुपये का कर्ज दिया जा सकता है. इसके अलावा कृषि और उससे सम्बंधित क्षेत्रों में विकास के लिए 2,272 करोड़ रुपये के व्यय का अनुमान लगाया गया है. यह राशि अगले तीन वित्तीय वर्षों के दौरान कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में पूंजी निर्माण को बढ़ावा देने के लिए दी जाएगी.
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नाबार्ड योजना का उद्देश्य (Objectives Of NABARD Scheme)
ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के बहुत कम अवसर उपलब्ध होते हैं. जो होते भी हैं, उनमें बहुत कम आमदनी होती है. ऐसे ग्रामीण कारोबारी अपना कारोबार तो बढ़ाना चाहते हैं, लेकिन उपयुक्त धन की कमी के चलते अपना बिजनेस बढ़ा नहीं पाते हैं. नाबार्ड बैंक ऐसे ही ग्रामीण कारोबारियों को आर्थिक सहयोग देने के लक्ष्य को लेकर शुरु किया गया बैंक है. नाबार्ड बैंक द्वारा समय – समय पर योजनाओं के जरिए ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले कारोबारियों की आर्थिक मदद करता है.
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