नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट (नाबार्ड) ने खरीफ की खेती के लिए पूरे देश में किसानों को नकदी की व्यवस्था करने के लिए 5000 करोड़ रुपए का फंड मंजूर किया है. चक्रवाती तूफान अंफान से पश्चिम बंगाल में कृषि की व्यापक क्षति हुई थी. इसलिए नाबार्ड बंगाल को अतिरिक्त 1070 करोड़ रुपए की आर्थिक मदद करेगा. 5000 हजार करोड़ रुपए देश भर में ऋण के तौर पर सहकारी बैंक, ग्रामीण बैंक, माइक्रो फिननांस संस्था और एनबीएफसी के मार्फत किसानों को वितरित किए जाएंगे. नाबार्ड अभी खरीफ के मौसम में 276 करोड़ रुपए जारी कर चुका है. पश्चिम बंगाल में नाबार्ड के मुख्य महा प्रबंधक सुब्रत मंल ने बैंक के 59 वर्ष पूरे होने पर आयोजित एक समारोह में भाग लेने के बाद यह बातें कही. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के कारण कर्जदारों से छह माह तक के लिए किस्त वसूलने पर रोक लगा दी गई है. इससे किसानों को राहत मिलेगी. खरीफ मौसम में किसानों को खेती के लिए नकदी का अभाव न हो इसके लिए नाबार्ड ने 5000 हजार करोड़ रुपए मंजूर किए है. यह राशि देश भर के किसानों में कर्ज के तौर पर विभिन्न वित्तीय संस्थाओं के मार्फत वितिरत की जाएगी.
मुख्य महा प्रबंधक ने कहा कि पश्चिम बंगाल में अंफान से कृषि की भारी क्षति की भरपाई के लिए राज्य को को 1070 करोड़ रुपए आवंटित किए गए है. यह राशि राज्य में 20 लाख किसान क्रेडिड कार्ड देने में खर्च की जाएगी. किसान सही तरीके से इसका इस्तेमाल करते हैं तो उन्हें व्याज में विशेष छूट मिलेगी. पूरे देश में किसान क्रेडिड देने के लिए 2 लाख कोरड़ रुपए खर्च किए जाएंगे. इससे देश भर में ढाई करोड़ किसान लाभान्वित होंगे.
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उल्लेखनीय है कि मई में चक्रवाती तूफान ‘अंफान’ ने पश्चिम बंगाल और ओड़िशा में भारी तबाही मचाई थी. पश्चिम बंगाल में अंफान से फसलों का सर्वाधिक नुकसान हुआ है. प्राप्त आंकड़ो के मुताबिक उत्तर 24 परगना में 109639 हेक्टेयर भूमि में तैयार फसल पूरी तरह पानी में डूब गई . धान, पटसन, फल-फूल सब्जी, पान और यहां तक कि मत्स्य पालन केंद्र भी क्षतिग्रस्त हुए है. राज्य में कहीं कहीं तालाबों के भर जाने और बांध टूट जाने के कारण मछलियां पानी के साथ बहकर अन्यत्र चली गई. केला, आम और लीची समेत अन्य मौसमी फलों के बागान ‘अंफान’ की चपेट में आकर तहस नहस हो गए. दक्षिण 24 परगना में 16 हजार हेक्टेयर भूमि में फसल नष्ट हुई है. पूर्व मेदिनीपुर में 3200 हेक्टेयर क्षेत्र में पान, 13050 हेक्टेयर भूमि में मूंगफली, 1980 हेक्टेयर में तिलहन व 1050 हेक्टेयर में फूल की खेती नष्ट हुई थी. जिले में करीब 8 करोड़ रुपए से अधिक की फसल खराब हुई है. हुगली में करीब 600 करोड़ रुपए अनाज की फसल नष्ट हुई. इसके अतिरिक्त ‘अंफान’ से हावड़ा, हुगली, बर्दवान समेत उत्तर और दक्षिण बंगाल के अन्य जिलों में फसलों की व्यापक क्षति हुई थी.
अंफान के कारण किसानों को जो नुकसान हुआ उसकी भरपाई खरीफ की फसल से करने के लिए नाबार्ड ने पश्चिम बंगाल के लिए 1070 करोड़ रुपए मंजूर किए है. इसके अतिरिक्त नाबार्ड लघु सिंचाई योजना के तहत राज्य को 276 करोड़ रुपए भी आवंटित किए है. जाहिर है कर्ज के तौर पर ही सही नाबार्ड के मार्फ्त पूरे देश किसानों के पास 5000 हजार करोड़ रुपए की राशि जाएगी तो खरीफ की खेती करने में उन्हें विशेष मदद मिलेगी.
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