मिजोरम में गावों के बुनियादी ढांचे की परियोजनाओं के लिए राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (NABARD) द्वारा 230 करोड़ रुपये के अनुदान को मंजूरी दी गई है. राज्य के मुख्यमंत्री जोरमथांगा ने सोशल मिडिया के जरिए बताया है कि मिजोरम क्षेत्रीय कार्यालय के महाप्रबंधक KVSSLV प्रसाद राव ने अध्यक्ष नाबार्ड से एक पत्र दिया, जिसमें मिजोरम में ग्रामीण बुनियादी ढांचे की परियोजनाओं को मंजूरी देने के लिए आरआईडीएफ XXVIII के तहत 230 करोड़ रुपये के आवंटन की सूचना दी गई थी.
मिज़ोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा ने ट्विटर पर जानकारी साझा करते हुए राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (NABARD) को क्रमबद्ध तरीके से सहायता करने के लिए धन्यवाद भी दिया.
NABARD ने मिज़ोरम को अभी तक दिया है इतना फंड (Total fund of Mizoram)
नाबार्ड ने मिजोरम में 1989 में एक उप-कार्यालय के रूप में कार्य करना शुरू किया था जिसे 1992 में एक पूर्ण क्षेत्रीय कार्यालय में अपग्रेड किया गया था.
1995-96 में ग्रामीण बुनियादी ढांचा विकास कोष (आरआईडीएफ) की स्थापना के बाद से, नाबार्ड ने कुल ग्रामीण सड़कों, पुलों, पेयजल, स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे, आदि जैसे महत्वपूर्ण ग्रामीण बुनियादी ढांचे के लिए 677 परियोजनाओं को शामिल करते हुए अभी तक 1744.51 रुपये की कुल ऋण राशि स्वीकृत की है, जिनमें से अब तक 1071.81 करोड़ रुपये का वितरण किया जा चुका है. इसके अलावा वेयरहाउस इंफ्रास्ट्रक्चर फंड के तहत, नाबार्ड ने मिजोरम सरकार को कृषि और बागवानी उत्पादों के भंडारण के लिए 42,174 मीट्रिक टन की कुल क्षमता वाले 111 गोदामों के निर्माण में 112.76 करोड़ रुपये की कुल ऋण राशि का समर्थन किया है.
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NABARD क्या है(what is NABARD)
कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (NABARD) भारत सरकार के पूर्ण स्वामित्व वाली एक शीर्ष विकास वित्त संस्था है, जिसके भारत सरकार के द्वारा चलाया जाता है. इसका काम राज्यों में कुटीर उद्योग, लघु उद्योग और ग्रामीण उद्योग और अन्य ग्रामीण क्षेत्रों के विकास को देखना है.
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