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मेवाड़ की पथरीली जमीन पर उग रहे है डच गुलाब

प्रेम का प्रतीक माने जाने वाले गुलाब के फूलों की कई तरह की वैरायटी होती है. अब गुलाब का यह फूल राजस्थान के मेवाड़ में पथरीली जमीन पर उग रहे है. यहां की पथरीली जमीन पर लाल, पीला और सफेद रंग के डच रोज महक रोज रहा है. अमूमन इस गुलाब की किस्म के गुलाब की खेती पूणे और गोवा में बहुतायत होती है लेकिन इनकी खेती अब यहां एक किसान ने संभव करके दिखा दी है और उनका यह मेहनत काफी सफल भी हुई है. यहां के किसान दीपक भालावत ने स्वागत सत्कार, शादी - समारोह, दफ्तरों में कट रोज के बढ़ते प्रचलन और मांग को देखते हुए सगतड़ा में इन गुलाब के फूलों को उगा दिया है.

किशन

प्रेम का प्रतीक माने जाने वाले गुलाब के फूलों की कई तरह की वैरायटी होती है. अब गुलाब का यह फूल राजस्थान के मेवाड़ में पथरीली जमीन पर उग रहे है. यहां की पथरीली जमीन पर लाल, पीला और सफेद रंग के डच रोज महक रोज रहा है. अमूमन इस गुलाब की किस्म के गुलाब की खेती पूणे और गोवा में बहुतायत होती है लेकिन इनकी खेती अब यहां एक किसान ने संभव करके दिखा दी है और उनका यह मेहनत काफी सफल भी हुई है. यहां के किसान दीपक भालावत ने स्वागत सत्कार, शादी - समारोह, दफ्तरों में कट रोज के बढ़ते प्रचलन और मांग को देखते हुए सगतड़ा में इन गुलाब के फूलों को उगा दिया है. वैसे तो यहां पर गुलाब की कई तरह की किस्में पाई जाती है लेकिन पॉली हाउस में पहली बार डच फूलों की खेती हो रही है. भालावत ने दो हेक्टेयर में पॉली हाउस को उगाया है और फरवरी के महीने में 35 हजार गुलाब के पौधों को लगाया है. खास बात यह है अब इन पर गुलाब के फूल पूरी तरह से आ गए है.

कट फूलों की मांग में बढ़ोतरी

कट फूलों की मांग में निरंतर बढ़ोतरी होने लगी है. वही बुके के रूप में भी इसकी बिक्री होती रहती है. राजस्थान के उदयपुर में इनकी खेती को पहली बार किया गया है. अब एक से डेढ़ फीट की डंडी वाले कट फूलों को अजमेर, और जयपुर की मंडियों में बेचा जा रहा है. इन पौधों से हर दूसरे दिन 700 से 800 फूल उतर रहे है, जिनसे उसे 3 से 4 हजार रूपए की कमाई हो जाती है. आने वाले दिनों में उनको 8-9 हजार रूपये तक इन फूलों से आमदनी के होने की उम्मीद है.

पहली बार हुई डच गुलाब की खेती

कृषि अधिकारी उद्यान देवेंद्र सिंह राठौर कहते है कि राजस्थान के मेवाड़ में पहली बार इन डच गुलाब की खेती हो रही है, इन पौधों पर साल के बारह महीने फूल लगेंगे. यह पौधए 90 दिनों की कड़ी मेहनत के बाद तैयार हुए है. पॉली हाउस निर्माण पर करीब 34 लाख रूपए की लागत आई है. विभाग ने 23 लाख 68 हजार रूपए का अनुदान भी खेती हेतु दिया है. इनकी खेती कुल पांच सालों तक चलेगी. जब इस खेती को एक साल पूरा हो जाएगा तब किसानों को रोजाना इनसे साढ़े तीन हजार फूल मिल जायेंगे. प्रति फूल की दर 5 रूपए है, वह एक साल में 24 लाख रूपए की आसानी से कमाई कर सकता है.

वह कहते है कि इस फूल को अगर ठीक से 28 डिग्री का तापमान मिले तो एक पौधे पर साल में 35 फूल खिला जाते है. वरना इसमें गिरावट आ जाती है. गर्मी के मौसम में 25 से 30 फूल खिलने की संभावना रहती है.

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गुलाब की खेती कर कमा सकते है प्रति एकड़ 10 लाख रूपये..

English Summary: Mwad's stalks are rising on the ground Dutch rose Published on: 09 July 2019, 06:48 PM IST

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