हाल ही में जारी हुई एक ‘वैश्विक पोषण रिपोर्ट 2017’ में चौंकाने वाला खुलासा किया गया है. इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत कुपोषण की गंभीर समस्या से ग्रस्त हैं. रिपोर्ट यह भी दावा करती है कि हमारे देश में जो महिलाएं कम उम्र में मां बनती हैं उनमें से लगभग आधी महिलाएं खून की कमी से पीड़ित हैं.
बता दें कि वैश्विक पोषण रिपोर्ट में सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दुनियाभर के 140 देशों में कुपोषण की स्थिति पर गौर किया गया है. जिसमें कुपोषण के तीन महत्वपूर्ण रुप सामने आए हैं.
इसमें खून की कमी के कारण बच्चों में सबसे ज्यादा विकास की कमी देखी गई, ऐसी महिलाओं में खून की ज्यादा कमी पाई गई जो मां बनने वाली हैं, साथ ही इसमें अधिक वजन वाली वयस्क महिलाएं भी शामिल हैं.
कुपोषण के हाल ही में सामने आए आंकड़ों के अनुसार, पांच वर्ष से कम के लगभग 38 फीसदी बच्चे विकासहीनता से प्रभावित हैं. जिसमें यह बात निकलकर कर आई कि बच्चों की लंबाई पोषक तत्वों की कमी के कारण अपनी उम्र से कम रह जाती है और इससे उनकी मानसिक क्षमता पर बुरा प्रभाव पड़ता है.
इतना ही नहीं बल्कि रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि पिछले पांच वर्ष में करीब 21 फीसदी बच्चों में पोषक तत्वों की कमी के कारण विकास ही नहीं हो पाया. जिस वजह से उनका वजन और लंबाई उनकी उम्र के हिसाब से काफी कम रह गई.
इस रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि भारत में मां बनने वाली तक़रीबन 51 प्रतिशत महिलाऐं खून की कमी का शिकार हैं. यह एक ऐसी समस्या है जिसमें दीर्घावधि में मां और बच्चे के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है.
रिपोर्ट यह भी दावा करती है कि हमारे देश में लगभग 22 फीसदी महिलएं ऐसी हैं जिनका वजन जरूरत से बहुत ज्यादा है.
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