मोदी सरकार ने मर्चेंट निर्यातकों को लोन लेने पर तीन फीसदी तक इंट्रेस्ट सब्सिडी देने का ऐलान किया है. आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में इस योजना की घोषणा की गई है.
सरकार के इस फैसले से निर्यातकों के पास पैसों की कमी नहीं होंगी और उपलब्धता भी सही होगी. इस सब्सिडी द्वारा निर्यात बिज़नेस को प्रोत्साहन दिया जायेगा. इस योजना से निर्यातकों को इंट्रेस्ट इक्विलाइजेशन योजना का फायदा शेष अवधि के लिए ही मिलेगा. जिससे निर्यातकों को करीब छह सौ करोड़ रुपये का फायदा मिलेगा और वह बिना किसी परेशानी से अपना निर्यात बिज़नेस कर सकेंगे.
सरकार द्वारा डिपार्टमेंट ऑफ़ कॉमर्स के एक प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है. इस प्रस्ताव के अंतर्गत मर्चेंट निर्यातकों को भी इस इंट्रेस्ट इक्विलाइजेशन योजना में शामिल करने के लिए कहा गया है. इस योजना के तहत इसके दायरे में आने वाले 416 उत्पादों के निर्यात के लिए शिपमेंट से पहले और इसके बाद में लिए जाने वाले पैसे पर 3 प्रतिशत की दर से इंट्रेस्ट इक्विलाइजेशन सुविधा का लाभ मिलेगा. इन सभी उत्पादों का उत्पादन ऐसे क्षेत्रों में होता है, जहां श्रम की बहुत अधिक जरूरत होती है. ये उत्पाद जैसे कृषि, लेदर, कपड़ा, हैंडीक्राफ्ट और मशीनरी आदि क्षेत्र से जुड़े हुए हैं.
मर्चेंट निर्यातकों को इस योजना में शामिल करने से निर्यात क्षेत्र के अधिक प्रतिस्पर्धी बनने की पूरी उम्मीद है. इससे निर्यातक एमएसएमई क्षेत्र में बने उत्पादों को अधिक मात्रा में निर्यात करने के लिए प्रोत्साहित होंगे और दूसरों को भी इसके बारे में जागरूक करेंगे ताकि लोग भी इस योजना का फायदा उठा सके.
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