मधुमक्खियों का परिचय : मधुमक्खी कीट वर्ग का प्राणी है। मधुमक्खी से मधु प्राप्त होता है जो अत्यन्त पौष्टिक भोजन है। यह छत्ता बनाकर रहती हैं। हर एक छत्ते में एक रानी, कई सौ नर और शेष श्रमिक होते हैं। मधुमक्खियाँ छत्ते बनाकर रहती हैं। इनका यह छत्ता मोम से बनता है। इसके वंश एपिस में 7 जातियां एवं 44 उपजातियां हैं.
क्यों करे मधुमक्खी पालन :
मधुमक्खी पालन के कई कारण है जैसे
1. आय बढ़ने के लिए मधुमक्खी पालन किया जाता है
2. फसलों में परागण के लिए भी मधुमक्खी पालन किया जाता है
3. भोजन की पौष्टिकता बढ़ाने के लिए भी मधुमक्खी पालन किया जाता है
कैसे, कब और कहाँ करे मधुमक्खी पालन
1. मान्यता प्राप्त संस्थान से प्रक्षिशण लें।
2. उपयुक्त समय अक्टूबर नवंबर का महीना है।
3. मधुमक्खी पालन के उपकरण भारतीय मानक संस्थान के मापदण्डो के आधार पर बने हों।
4. मधुमक्खी पालन व्यवसाय पांच या दस मौन वंशा से शुरू करना चाहिए और एक वर्ष के पश्चात् इनकी संख्या बढ़ाए
5. मौनालय के पास बहते हुए पानी का स्त्रोत आवश्यक है।
क्यों है मधुमक्खी पालन आसान
1. मधुमक्खी पालन की तकनीक सरल है
2. इस काम को स्त्री पुरुष और बच्चे कोई भी कर सकता है
3. पूंजी निवेश कम है
4. मधुमक्खी पालन के लिए इसकी रोज देखभाल की आवश्यकता नहीं है
5. किसान खेती के साथ साथ मधुमक्खी पालन कर सकते है
मधुमक्खियों की प्रजातियां
1. पहाड़ी मधुमक्खी
2. छोटी मधुमक्खी
3. भारतीय मधुमक्खी
4. इटालियन मधुमक्खी
कैसे बचाएं मधुमक्खी वंशो को कीटनाशकों से
1. कीटनाशकों के वो सूत्र इस्तेमाल करे जो मधुमक्खियों के लिए सुरक्षित हो
2. फसलों पर फूलों के समय कीटनाशक का छिड़काव ना करे
3. कीटनाशक का छिड़काव शाम के वक़्त करे
4. छिड़काव के समय मधुमक्खियों को डिब्बे में बंद कर दे
वर्षा
कृषि जागरण
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