MFOI, VVIF Kisan Bharat Yatra: दिल्ली के उजवा कृषि केंद्र से शुरू हुई कृषि जागरण की 'एमएफओआई, वीवीआईएफ किसान भारत यात्रा' लगातार जारी है. उत्तर भातर के क्षेत्रों में यात्रा को किसानों से काफी अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है. यात्रा के दौरान किसानों को कृषि जागरण की पहल MFOI (Millionaire farmer of India) के बारे में भी जागरूक किया जा रहा है, जो किसानों उनकी पहचान दिलाने और उन्हें सम्मामित करने की एक बेहतरीन पहल है. फिलहाल, यात्रा हरियाणा राज्य से गुजर रही है. जहां, इस पहल को खुब सराहा जा रहा है. इसी कड़ी में शुक्रवार (9 फरवरी, 2024) को 'एमएफओआई, वीवीआईएफ किसान भारत यात्रा' हरियाणा के सिरसा पहुंची. किसानों को सम्मानित करने की इस पहल के बारे में जानकर किसान काफी खुश हुए और उन्होंने इस पहल का समर्थन किया.
MFOI अपने आप में एक अनोखी पहल
हिसार में यात्रा का कारवां सबसे पहले कृषि विज्ञान केंद्र पहुंचा, जहां कृषि जागरण की टीम ने प्रगतिशील किसानों को महिंद्रा ट्रैक्टर्स द्वारा प्रायोजित प्रतिष्ठित 'मिलियनेयर फार्मर ऑफ इंडिया अवार्ड्स' के बारे में जागरूक किया. इस दौरान उन्हें ये बताया गया की क्यों उनके लिए ये सम्मान महत्वपूर्ण है. कृषि जागरण की टीम ने किसानों को बताया कि ये अपनी तरह की पहल और अनोखी पहल है. ऐसे में किसानों को इसमें बढ़-चढ़ कर भाग लेना होगा. कृषि विज्ञान केंद्र, हिसार के बाद यात्रा आगे जारी रही और भंगू गांव पहुंची. जहां, विशेष रूप से प्रगतिशील किसानों को सम्मानित किया गया. इस दौरान एकड़ फॉर्म फार्मर प्रोड्यूसर के निदेशक सुखजीत सिंह और भगवान दास भी वहां उपस्थित रहे.
इस दौरान कई किसानों ने अपने विचार भी व्यक्त किए. एकड़ फॉर्म एफपीओ के निदेशक और किसान सुखजीत सिंह ने कहा कि उनके एफपीओ में 8 गांव का क्लस्टर है, जिसमें 150 से ज्यादा किसान शामिल है. उन्होंने कहा कि एफपीओ को 3 साल हो गए है और हम लगातार प्रगति कर रहे हैं. इस साल हमारा लक्ष्य और बेहतर करने का है. उन्होंने कहा कि एफपीओ किसानों को खेती से जुड़ी जानकारी और नई-नई तकनीकों के बारे में भी जागरूक करता रहता है. सुखजीत सिंह ने कहा कि जब छोटे किसान अपनी फसल लेकर मंडी जाते हैं, तो उन्हें उसकी असली कीमत नहीं मिल पाती. लेकिन, एफपीओ के माध्यम से हम किसानों की उनकी उपज का अच्छा दाम दिलाने और उनकी आय बढ़ाने पर काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि बागवानी समेत अन्य फसलों की अच्छी क्वालिटी पर काम कर रहे हैं, ताकि किसान इन उत्पादों को बाजार में अपने ब्रांड के साथ बेच पाएं. उन्होंने कहा कि हमारे कलस्टर में धान, गेहूं, सरसों, चना और बागवानी फसलों में किनू, बेल वाली सब्जियों समेत टमाटर की खेती की जाती है.
किसानों से कृषि जागरण की पहल को सराहा
उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे लोग खेती छोड़ रहे हैं, लेकिन खेती आज भी मुनाफे का सौदा है. अगर किसान समय-समय पर खेती का जानकारी हासिल करते रहें और नई तकनीकों का इस्तमाल करें तो वे अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. उन्होंने कृषि जागरण की पहल को भी सराहा. उन्होंने कहा कि ये अपने आप में एक अनोखी पहल है, जो किसानों को उनकी पहचान दिलाने का काम कर रही है. इस दौरान कई किसानों को सम्मानित भी किया गया. जिसमें एफपीओ के डायरेक्टर सुखजीत सिंह और भगवान दास के अलावा बरपा गांव से सुभाष सरपंच और चंद्रभान को कृषि के विकास और खेती में बेहतरीन कार्यों के सम्मानित किया गया.
क्या है MFOI Kisan Bharat Yatra?
बता दें कि 'एमएफओआई किसान भारत यात्रा 2023-24' ग्रामीण परिदृश्य को बदल स्मार्ट गांवों के विचार की कल्पना करता है. एमएफओआई किसान भारत यात्रा का लक्ष्य दिसंबर 2023 से नवंबर 2024 तक देश भर की यात्रा करना है, जो 1 लाख से अधिक किसानों तक विस्तारित होगी. जिसमें 4 हजार से अधिक स्थानों का विशाल नेटवर्क शामिल होगा और 26 हजार किलोमीटर से अधिक की उल्लेखनीय दूरी तय की जाएगी. इस मिशन का प्राथमिक उद्देश्य कृषि समुदायों में सकारात्मक बदलाव लाना है, ताकि किसानों की सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि को बढ़ाकर उन्हें सशक्त बनाया जा सके.
एक लाख से अधिक किसानों को जोड़ने का लक्ष्य
MFOI भारत यात्रा का शुभारंभ भारत में करोड़पति किसानों की उपलब्धियों को पहचानने और उनके द्वारा किए गए कार्यों को पहचान दिलाने के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम का प्रतीक है. यह राष्ट्रव्यापी यात्रा एक लाख से अधिक किसानों से जुड़ेगी, 4520 स्थानों को पार करेगी और 26,000 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करेगी. इतने बड़े पैमाने पर किसानों के साथ जुड़कर, यात्रा उनकी सफलता की कहानियों को दुनिया के समक्ष लाएगी.
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