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MFOI 2023: किसानों की वित्तीय स्थिति में सुधार करने के लिए FPO का रहा अहम योगदान, जानें तीसरे सेशन में क्या कुछ रहा खास

MFOI 2023: द मिलेनियर फार्मर ऑफ इंडिया 2023 अवॉर्ड शो के तीसरे सेशन में किसानों की वित्तीय स्थिति में सुधार करने के लिए FPO को लेकर चर्चा की गई है. ऐसे में आइए जानते हैं कि इस तीसरे सेशन में क्या कुछ विशेष रहा.

लोकेश निरवाल
द मिलेनियर फार्मर ऑफ इंडिया अवॉर्ड  2023
द मिलेनियर फार्मर ऑफ इंडिया अवॉर्ड 2023

महिंद्रा ट्रैक्टर्स द्वारा प्रायोजित द मिलेनियर फार्मर ऑफ इंडिया तीन दिवसीय अवॉर्ड शो के पहले दिन में इस तीसरे सेमिनार में किसानों की वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए कृषि बोर्डों का समर्थन के बारे में विस्तार से चर्चा की गई. जिसमें कृषि बोर्डों के कई अधिकारियों ने MFOI 2023 के इस मंच पर देवव्रत शर्मा, सदस्य, राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड, डॉ. सवार धनानिया, अध्यक्ष, रबर बोर्ड ऑफ इंडिया, डी. कुप्पुरामु, अध्यक्ष, कॉयर बोर्ड ऑफ इंडिया, प्रभात कुमार, राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड और दलाल (हरियाणा) किसान भी इस मंच पर मौजूद रहे और साथ ही मंच पर सफल किसानों ने भी अपने विचारों को व्यक्त किया.

ऐसे में आइए MFOI 2023 के इस पहले दिन के तीसरे सेमिनार में किसानों के लिए क्या कुछ खास रहा इसके बारे में विस्तार से जानते हैं-

तीसरे सेमिनार में इन स्पीकर्स और किसानों ने अपने विचार व्यक्त किए

डॉ. सवार धनानिया, अध्यक्ष, रबर बोर्ड ऑफ इंडिया ने कहा कि रबड की खेती के लिए 2 हजार मिलीमीटर बारिश के पानी की जरूरत पड़ती है. इसकी खेती से अच्छा उत्पादन पाने के लिए 6 से 8 महीने का कम से कम गैप होना चाहिए. रबड़ की खेती के लिए ज्यादा ठंडी जलवायु न हो ऐसे क्षेत्रों में रबड़ की खेती की जाती है. आगे उन्होंने कहा कि हम जो भी कपड़ा पहनते हैं, उनमें भी ज्यादातर रबड़ की मिलावट होती है. उन्होंने कहा कि हमारे देश में लगभग सभी चीजें चाहे वह खेती-किसानी से जुड़ी हो या फिर अन्य किसी भी चीज से उन सब में रबड़ का कुछ न कुछ सहयोग है.

बिजेंद्र सिंह दलाल (हरियाणा) किसान ने इस सेमिनार में कहा कि देश के किसान अब काफी जागरूक हो चुके है और साथ ही अलग-अलग राज्यों व जिलों में FPO बन रहे हैं. आज के समय में देश को जैविक खेती की आवश्यकता है. क्योंकि देश कुपोषण से जूझ रहा है. आगे उन्होंने कहा कि हमने उत्पादन तो बढ़ा लिया है, लेकिन हम लोग कुपोषण का शिकार बन रहे हैं. उन्होंने यह भी बताया कि हमने अपने पलवल जिले में प्राकृतिक खेती के लिए गौ आधारित खेती कर रहे हैं. इसी के साथ वह आर्गेनिक खेती विभिन्न तरीके को अपना रहे हैं. इसके लिए हरियाणा सरकार की तरफ से भी उन्होंने आर्थिक रूप से पूरी मदद मिल रही है.

वहीं, सफल किसान कैलाश सिंह ने कहा कि किसान खेती तो करता है लेकिन अपनी उपज का सही वैल्यू एडिशन नहीं कर पाते हैं. किसान जब तक अपने उत्पादों का वैल्यू एडिशन नहीं करेंगे, उन्हें सही दाम नहीं प्राप्त होंगे. आगे उन्होंने कहा कि आज के समय में दो रुपये के आलू को दो हजार रुपये के चिप्स बनाकर बेचा जाता है. उन्होंने बताया कि जो किसान FPO बना चुके हैं. वह उन्हें वैल्यू एडिशन की तरफ ले जाए और वहीं अगर जिन्होंने FPO को नहीं बनाया हैं, वह अपने आस-पास के FPO से जुड़ जाएं.

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नरेश कौशिक, खण्डेहा ऑर्गनिक प्रोड्यूसर लिमिटेड कंपनी के अध्यक्ष ने कहा कि देश के सभी किसान आपस में बिजनेस करें. जिस तरह से भाई-भाई बट रहे हैं ठीक उसी तरह से किसान की जमीन भी बट रही है. ऐसे में FPO की अहम भूमिका है, जो खेती की जमीन व किसानों को एक साथ एकत्रित किया जाए जिससे किसानों की आय बढ़ सके और साथ ही उन्होंने एक बड़ा प्लेटफार्म मिल सके. उन्होंने MFOI के इस मंच पर कहा कि FPO अपनी मार्केटिंग खुद से करें और साथ ही किसान कभी भी क्वालिटी से समझौता न करें.

MFOI 2023 के तीसरे सेशन के अंत में भी देश के मिलेनियर किसानों को मंच पर बुलाकर अवार्ड से सम्मानित किया गया.

English Summary: MFOI 2023 event Millionaire Farmer of India Award Important role of FPO in farmers income Published on: 06 December 2023, 05:53 PM IST

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