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BRICS Meeting: पीयूष गोयल की अध्यक्षता में संपन्न हुई उद्योग मंत्रियों की बैठक, इन मसलों पर हुई वार्ता

समस्त विश्व में शांति, स्थायित्व, एकता व समन्वय स्थापित करने हेतु कई वैश्विक संस्थाओं का गठन किया गया है. ये संस्थाएं समय-समय पर कई ऐसी बैठकें करती रहती हैं, जिससे विश्व में भाईचारा बना रहे.

सचिन कुमार
BRICS Meeting
BRICS Meeting

समस्त विश्व में शांति, स्थायित्व, एकता व समन्वय स्थापित करने हेतु कई वैश्विक संस्थाओं का गठन किया गया है. ये संस्थाएं समय-समय पर कई ऐसी बैठकें करती रहती हैं, जिससे विश्व में भाईचारा बना रहे. वैसे तो बहुत सारी संस्थाएं वर्तमान में विश्व में शांति स्थापित करने की दिशा में सक्रिय है, लेकिन पिछले कुछ दिनों से जिस तरह ब्रिक्स देशों की बैठक चल रही है. आइए, जरा सिलसिलेवार तरीके से इस बैठक पर एक नजर डालते हैं.  

बताते चले कि पिछले पांच दिनों से ब्रिक्स देशों की बैठक चल रही है. कोरोना काल के दौरान यह बैठक अभी वर्चुअल ही चल रही है. इस समूह के सदस्य देश वीडियो कांफ्रेंस के जरिए एक-दूसरे से संवाद स्थापित कर रहे हैं. इस बीच वार्ता के दौरान सदस्य देश एक-दूसरे से कई मसलों पर अपने विचार साझा कर रहे हैं.

वहीं, विगत बुधवार को केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के नेतृत्व में सदस्य देशों के उद्योग मंत्रियों के संग बैठक हुई, जिसमें कई मसलों पर चर्चा हुई. आइए, उन सभी मसलों पर विस्तार से गौर फरमाते हैं. सबसे पहले तो यह जान लीजिए कि इस बैठक में ब्रिक्स देश (ब्राजील, रूस, चीन और दक्षिण अफ्रीका) के उद्योग मंत्रियों में चीन के उद्योग और आईटी मंत्री जिओ याक़िंग, दक्षिण अफ्रीका के व्यापार, उद्योग और प्रतिस्पर्धा मंत्री  इब्राहिम पटेल,ब्राजील के अर्थव्यवस्था मंत्रालय में उप-मंत्री कार्लोस द कोस्टा,  रूस के उद्योग और व्यापार मंत्री डेनिस मंटुरोव एवं अन्य प्रतिनिधियों ने वर्चुअल बैठक के माध्यम से भाग लिया.

इस बैठक में शासन प्रणाली को सुदृढ़ बनाने हेतु प्रौघोगिकी के उपयोग पर जोर दिया गया. इस दिशा में भारत ने सक्षम और प्रगतिशील परिस्थितक तंत्र विकसित किया है. डिजिटल की महत्ता को मद्देनजर रखते हुए इसके उपोयग को बढ़ावा देने की दिशा में उठाए गए कदमों का उल्लेख किया गया.

वहीं, ब्रिक्स के सदस्य देशों के उद्योग मंत्रियों की अध्यक्षता में कोरोना काल में उद्योग जगत पर पड़े दुष्प्रभाव पर व्यापक विचार विमर्श किया गया. इसके इतर महामारी के दौरान चिकित्सक कर्मियों के उल्लेखनीय योगदान को भी सराहा गया. वहीं, बदलती अर्थव्यवस्था में तकनीकियों के बढ़ते उपयोग के महत्व पर भी विचार व्यक्त किए गए. सभी देशों से यह अपील की गई कि वे अपनी अर्थव्यवस्था की रफ्तार को तेज करने के लिए तकनीकियों के उपयोग को बढ़ावा दें, अन्यथा विकसित होती अर्थव्यवस्था थम जाएगी. 

इसके अलावा ब्रिक्स देशों की बैठक में यह फैसला लिया गया कि विश्व बिरादरी के बीच एक भेदभाव रहित वातावरण स्थापित किया जाए. राष्ट्रीय स्तर पर अर्थव्यवस्था के विकास में सभी अपना योगदान दे सके इस दिशा में कदम बढ़ाने होंगे. वहीं, ब्रिक्स देशों के सभी सद्स्य देशों ने इस बैठक को यह कहकर विराम दिया कि हम सभी को एक पारस्परिक सांमजस्य के साथ एक-दूसरे से सीखने की नितांत आवश्यकता है व एक दूसरे के लिए एक ढाल व बल के रूप में काम करना होगा.

सर्वविदित है कि विगत पांच दिनों से ब्रिक्स देशों की बैठक चल रही है, जिसमें कई विषयों पर वार्ता हुई है. इसी क्रम में इस बार की बैठक का केंद्र बिंदू वैश्विक शांति, एकता व स्थायित्व करना मुख्य ध्येय था. वर्तमान में विश्व बिरादरी में जिस तरह की स्थिति है, उसके दृष्टिगत ब्रिक्स देशों की बैठक का यह केंद्र बिंदू काफी प्रासांगिक माना जा रहा है.

English Summary: Meeting of BRICS Countries Published on: 20 August 2021, 06:45 PM IST

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