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MDH का 'मेरे गांव की मिट्टी' अभियान: पेस्टीसाइड मुक्त खेती के लिए किसानों को जागरुक करने की पहल

MDH परिवार के सुरेश राठी ने अनुसार, MDH मेरे गांव की मिट्टी- जागरुकता अभियान के नागौर पहुंचने पर, MDH ने जीरा किसानों को 15 फिसदी और मेथी पत्ता पर 20 फिसदी ज्यादा भाव देने की धोषणा की और नागौर में पेस्टीसाइड टेस्ट लैब को जल्द स्थापित करेंगे.

KJ Staff
Agricultural Quality Standards
‘मेरे गांव की मिट्टी’ शुद्ध उगाओ, शुद्ध खिलाओं,’ जागरुकता अभियान का MDH परिवार के सुरेश राठी

देश के किसानों को पेस्टीसाइड से होने वाले दुष्परिणामों और फसल की गुणवत्ता के साथ साथ आय में कैसे इजाफा हो के लिए दिल्ली से नागौर पहुंचे ‘मेरे गांव की मिट्टी’ शुद्ध उगाओ, शुद्ध खिलाओं,’ जागरुकता अभियान का MDH परिवार के सुरेश राठी और पूरी टीम ने जोरदार स्वागत अभिनन्दन किया. इस मौके पर राजस्थान किसान आयोग के अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद, सी आर चौधरी, नागौर जिलाधिश अरुण कुमार पुरोहित, अतिरिक्त जिलाधिश, नागौर, चम्पालाल जीनगर, आई सी ए आर - एन आर सी एस एस अजमेर के डायरेक्टर डॉ विनय भारद्वाज, कृषि उपज मंडी के सचिव रघुनाथराम चौधरी,  ICAR - NRCSS अजमेर से कृषि विज्ञान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ रविन्द्र सिंह, ICAR – NRCSS अजमेर से कीट विज्ञान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ कृष्ण कान्त गुप्ता, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, नागौर जुगल किशोर सैनी और मार्केट टाइम्स से रुपा मैहता कार्यक्रम में उपस्थित रहे और नारियल तोड़ कर जागरुकता अभियान को आगे की रवानगी दी.

आपको बता दें कि 5 दिसंबर को दिल्ली में केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री, भागीरथ चौधरी ने हरी झंडी दिखला कर MDH - मेरे गांव की मिट्टी, जागरुकता अभियान की शुरुआत की. दरअसल, अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भारतीय कृषि उत्पादों के निर्यात सौदों को पेस्टीसाइड के चलते किसी तरह का कोई नुकसान नहीं उठाना पड़े और किसानों को उनकी फसल का बेहतरीन दाम मिले और कंपनी के शताब्दी साल और पदम विभूषण से सम्मानित स्वर्गीय महाशय धर्मपाल गुलाटी के सामाजिक कार्यों की कढ़ी को आगे बढ़ाते हुए MDH के चेयरमैन राजीव गुलाटी के संयोजन में इस जागरुकता अभियान की शुरुआत की गई है.

इस मौके पर MDH परिवार से सुरेश राठी ने दो अति महत्वपूर्ण घोषणाऐं देश भर के किसानों के लिए की. जिसमें पहली धोषणा है कि MDH उन किसानों को बाजार भाव से अतिरिक्त मूल्य देगा, जिन किसानों की उपज विदेशी बाजार और देश के तय बाजार के मानकों के अनुसार होगी और जिनमें पेस्टीसाइड नही के बराबर पाया जाएगा. सुरेश राठी ने बताया कि MDH ग्रुप, IPM क्वालिटी के जीरा को सामान्य जीरा के मुकाबले 15 फिसदी और मेथी पत्ता पर 20 फीसदी तक बाजार भाव से अधिक मूल्य पर खरीद करेगा. इसके साथ ही सुरेश राठी ने कहा कि MDH ग्रुप के चेयरमैन राजीव गुलाटी जी की इच्छा है कि नागौर में फसल खरीद के समय पेस्टीसाइड टेस्ट की सुविधा नागौर में ही हो सके जिसका फायदा नागौर के साथ साथ पूरे राजस्थान के किसानों और कारोबारियों को मिल सके के लिए इस अवसर पर राजीव गुलाटी की तरफ से सुरेश राठी जी ने राजस्थान सरकार, जिला प्रशासन, और ICAR को लैब जल्द से जल्द लगाने में आवश्यक सहयोग की अपील की.

इस मौके पर सी आर चौधरी, ने कहा कि अब समय आ गया है जहां देश के मसाले विदेशों में अपनी बनी हुई बाजार को और आगे बढ़ाए. लेकिन पेस्टीसाइड के अत्यधिक प्रयोग के चलते किसानों को उनकी फसल के उचित दाम नहीं मिल रहे. और अगर पेस्टीसाइड को कम नहीं किया गया तो किसानों का माल कारोबारी खरीद करने से डरेंगे. क्योंकि कारोबारी जहां भी किसानों की फसल भेज रहे हैं अत्यधिक पेस्टीसाइड पाए जाने के कारण उनके सैम्पल फेल हो रहे हैं और उन्हें घाटा उठाना पड़ रहा है. सी आर चौधरी ने किसानों से आवाहन किया कि एमडीएच के द्वारा चलाए जा रहे जागरुकता अभियान को जन चेतना का अभियान बनाना है. देश का हर किसान जागरुक हो और आम जन को स्वस्थ अन्न मिले सुनिश्चित करे. सी आर चौधरी ने कहा कि एम डी एच हमेशा से समाज सेवा, सामाजिक उत्थान के लिए तो जाना ही जाता है साथ ही विदेशों में भी खास पहचान रखता है.

नागौर जिलाधिश अरुण कुमार ने भी किसानों को एमडीएच जागरुकता अभियान का हिस्सा बनने का आवाहन किया और विश्वास दिलाया कि किसानों की पेस्टीसाइड लैब टेस्ट के लिए प्रशासन हर संभव मदद के लिए तैयार है. अरुण कुमार ने कहा कि पूरी दुनिया में नागौर की पैदा होने वाली कसूरी मेथी अपनी खुशबु, रंग और स्वाद के लिए जानी जाती है.

इस उपलक्ष्य में ICAR के डायरेक्टर डॉ विनय अग्रवाल ने किसानों से कहा, समय रहते किसानों को फसल की गुणवतता पर ध्यान देना जरुरी है. और MDH की पहल ‘मेरे गांव की मिट्टी’ एक सराहनीय कदम है. डॉ विनय ने कहा कि किसान अगर कम पेस्टीसाइड के कृषि उत्पाद उगाएगा तो निश्चित तौर पर उसे उसकी फसल का बेहतरीन दाम भी मिलेगा और खेत की मिट्टी के तत्व भी बरकरार रहेंगे और आज ऐसे अनेकों संसाधन मौजूद है जिससे किसान को पेस्टीसाइड का प्रयोग नाम मात्र का रहेगा और वो अपने खेत में ज्यादा पैदावार भी ले पाएगा. जरुरत है तो केवल जागरुक होने की और अब जागरुकता अभियान ने इसकी पहल की है. और ICAR इस नेक काम में अभियान के साथ है.

किसानों को उनकी फसल का दाम सिर्फ इस वजह से पूरा नहीं मिल पाए कि उसके उत्पाद में कीटनाशक है तो ये सरकार और इंडस्ट्री दोनों की ही जिम्मेदारी बन जाती है कि हम किसानों को जागरुक करें कि उनकी फसल का बेहतरीन दाम उनकी फसल की गुणवत्ता के आधार पर ही मिल सकता है.

विश्व बाजार में भारत का कृषि कारोबार लगभग 55 अरब डॉलर का हैए जिसमें मुख्य चावल है और अब मसाले भी इसका अहम हिस्सा बन गए हैं. साल 2023 - 24 में 12 फिसदी की बढ़त मसालों के निर्यात में आई है, साल 2023-24 में मसालों का कुल निर्यात 4.46 अरब डॉलर का हुआ है जो इस और इशारा करती है कि अगर मसाला इंडस्ट्री और सरकार मिलकर किसानों को पेस्टीसाइड को लेकर शिक्षित करें तो रिपोर्ट कहती है कि भारतीय मसाला का कारोबार साल 2030 तक 20 अरब डॉलर का हो सकता है. यानि 5 साल में 5 गुणा. राजस्थान में जीरा, लालमिर्च, धनिया, मेथी दाना, मेथी पत्ता की बेहतरीन फसल होती है और लगातार किसान जागरुक भी हो रहे हैं. इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि देश का किसान अब जागरुक हो रहा है और किसान भी चाहता है कि उसके उत्पाद विदेशी बाजारों में उचित कीमत पर बिके.

वही MDH परिवार से शरद राठी ने बताया कि MDH पहले से ही कम पेस्टीसाइड मसालों को ही प्रोसेस करता है और जो किसान अभी पेस्टीसाइड का प्रयोग कर रहे हैं उन्हें पेस्टीसाइड के दुष्परिणामों से अवगत करवा कर उनके उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय मानकों पर उगवा कर उनकी फसल को खरीदने का काम भी MDH कर रहा है. शरद राठी ने बताया कि राजीव गुलाटी अपने पिता स्वर्गीय महाशय धर्मपाल गुलाटी जी के आदर्शों पर चलते हुए समाज को उच्चतम गुणवत्ता के मसाले मुहैयया करवाने के साथ साथ सामाजिक कार्यों को करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. राजीव गुलाटी की पहल पर कि देश के ज्यादा से ज्यादा किसान पेस्टीसाइड के छीड़काव को छोड़कर, प्राकृतिक कृषि तकनीकों को अपनाऐं और पेस्टीसाइड रहित फसल के मुहिम से जुड़े और हमारे देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सपने ऑर्गेनीक भारत की दिशा में मेरे देश की मिट्टी जागरुकता रथ की शुरुआत की गई है. यह रथ राजस्थान के किसानों को जागरुक करते हुए पूरे देश के किसानों को पेस्टीसाइड से होने वाले दुष्परिणामों से ना सिर्फ अवगत करवाएगा, बल्कि कृषि वैज्ञानिकों की टीम हर गांव के किसानों को बिना पेस्टीसाइड के कैसे ज्यादा और गुणवत्ता के साथ फसल ले सकते हैं के तरीकों को भी बताया जाएगा.

English Summary: Mdh meri gaon ki mitti pesticide mukt kheti jagrukta Abhiyaan Published on: 18 December 2024, 06:26 PM IST

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