केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि महात्मा गाँधी रोगजार योजना के अन्तर्गत लगभग 50 लाख हैक्टेयर भूमि को उपजाऊ बनाया गया है। उन्होंने एक रिपोर्ट का सन्दर्भ देते हुए बताया कि इस योजना के अन्तर्गत काफी काम किया गया है। कृषि से जुड़े कार्यों को हमेशा मनरेगा के अधीन प्रायिकता दी गई है जिसके लिए मनरेगा के लिए कुल निर्धारित बजट में से 68 फीसदी तक खर्च किया गया है।
उन्होंने यह भी कहा कि किसानों के फायदे के लिए मुर्गापालन, बकरीपालन के लिए शेड व डेयरी उद्दोग के लिए शेड आदि के निर्माण में कार्य किया गया साथ सिंचाई के लिए भी इस योजना द्वारा हरसंभव प्रयास किए गए हैं। आज इसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिले हैं।
दरअसल तोमर ने द इंस्टीट्यूट ऑफ इकोनोमिक ग्रोथ की एक शोध रिपोर्ट में मनरेगा के कार्यों के आंकलन के परिप्रेक्ष्य में बात कर रहे थे। जिस दौरान उन्होंने कहा 75 प्रतिशत से अधिक योजना के अधीन कार्यों को अच्छा करार दिया गया है जबकि शेष कार्यों को ही असंतोषजनक बताया गया है।
इस बीच रिपोर्ट कहती है कि 96.71 प्रतिशत तक भुगतान सीधे मजदूरों के खाते में भेजा गया है। जिसके लिए इलेक्ट्रानिक फंड ट्रांसफर का माध्यम अपनाया गया है।
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