Pune Kisan Mela: भारत में कई जगहों पर हमें अलग-अलग कृषि प्रदर्शनियां देखने को मिलती हैं, जिनका मुख्य उद्देश्य किसानों तक कृषि संबंधी जानकारियां पहुंचाना और उन्हें जागरूक करने का होता है. चाहे वह व्यावसायिक दृष्टिकोण से हो, तकनीकी दृष्टिकोण से या फिर आधुनिक कृषि करने के संबंध में. सभी प्रदर्शनियों में किसानों को खेती-बड़ी से जुड़ी अहम जानकारियां दी जाती हैं. इसी कड़ी में देश के सबसे बड़े कृषि मेले का आयोजन 13 से 17 दिसंबर तक पुणे जिले के मोशी में किया जा रहा है. देश का सबसे बड़ा कृषि मेला होने के चलते यहां हर साल कई दिग्गज कंपनियां अपने स्टॉल लगाती हैं, ताकि किसानों को उनके प्रोडक्ट्स के संबंध में अधिक जानकारी मिल सके.
इस बार भी कृषि मेले में कई अलग-अलग कंपनियों ने अपने स्टॉल लगाए हैं और हर साल की तरह इस साल भी कृषि जागरण की टीम पल-पल की अपडेट देने के लिए किसान मेले में पहुंची हुई है. किसान मेले में टेंडर नंबर 6 में स्टॉल नंबर 664 कृषि जागरण का है. कृषि जागरण किसानों तक पहुंचने का एक मीडिया मंच है, जो पिछले 27 सालों से कृषि से जुड़ी जानकारियां किसानों तक पहुंचा रहा है. इस प्रदर्शनी में कृषि जागरण ने अपनी बारह भाषाओं की पत्रिकाएं भी प्रदर्शित की हैं, जो हर माह प्रकाशित होती हैं. इन पत्रिकाओं के जरिए किसानों को खेती के संबंध में जानकारी दी जाती है और लोगों तक उन सफल किसानों की कहानियां भी पहुंचाई जाती हैं, जो कृषि के क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान बना रहे हैं.
'MFOI' की जमकर हो रही चर्चा
किसान मेले में कृषि जागरण मीडिया ग्रुप की 25 लोगों की टीम हिस्सा ले रही है. कृषि जागरण की टीम पूरे जोश और उत्साह के साथ मेले में किसानों को हाल ही में आयोजित 'महिंद्रा मिलेनियर फार्मर अवार्ड ऑफ इंडिया' के बारे में जागरूक करने का काम कर रही है. किसानों को यह बताया जा रहा है कि अब दौर बदल चुका है और वे किसी से कम नहीं है. एक किसान भी मिलेनियर हो सकता है और देश में ऐसे ही किसानों को सम्मितत करने के लिए कृषि जागरण ने यह पहल शुरू की है. मेले में 'महिंद्रा मिलेनियर फार्मर अवार्ड ऑफ इंडिया' की जमकर चर्चा हो रही है. किसानों को सम्मानित करने की इस पहल की किसान खूब सराहना कर रहे हैं. कृषि जागरण के स्टॉल पर किसानों को भी भीड़ उमड़ रही है और किसान MFOI और कृषि जागरण की पत्रिकाओं के संबंध में जानकारी जुटा रहे हैं.
'किसानों के हित में काम करता रहेगा कृषि जागरण'
किसान मेले में कृषि जागरण की टीम के साथ कृषि जागरण एवं एग्रीकल्चर वर्ल्ड के संस्थापक एमसी डोमिनिक भी मौजूद हैं, जो पूरी टीम के साथ कृषि प्रदर्शनी के विभिन्न स्टॉलों पर जाकर जानकारियां जुटा रहे हैं और किसानों को MFOI की पहल के बारे में जागरूक भी कर रहे हैं. इस मौके पर कृषि जागरण एवं एग्रीकल्चर वर्ल्ड के संस्थापक एमसी डोमिनिक ने कहा कि MFOI देश के किसानों को सम्मानित करने की एक पहल है, जो किसानों से जुड़ा अभीतक का सबसे चर्चित अवार्ड शो रहा है. हाल ही में दुनियाभर में इसे सोशल मीडिया के माध्यम से देखा गया. इस अवॉर्ड शो को आयोजित करने के पीछे उनका मकसद किसानों और कृषि के प्रति लोगों की सोच को बदलने का है.
उन्होंने कहा कि मैं भविष्य में भी किसानों के लिए ऐसे ही काम करता रहूंगा. कृषि जागरण और हमारी पूरी टीम किसानों के हित के लिए सदैव तत्पर रहेगी और इसके साथ ही कृषि जागरण अपने पोर्टल, यूट्यूब और पत्रिकाओं के माध्यम से किसानों की कई जिज्ञासाओं का समाधान करने का प्रयास करेगा. इसके साथ ही कृषि जागरण भी किसानों तक पहुंचने की कोशिश कर रहा है. वह किसानों के गांवों में जाएंगे और किसानों की समस्याओं, किसानों से जुड़ी हर बात, कृषि जागरूकता के बारे में जानकारी लेंगे.
क्या है मिलेनियर फार्मर ऑफ इंडिया अवॉर्ड?
बता दें कि देश के लगभग हर एक क्षेत्र में कोई न कोई बड़ी हस्ती जरूर होती है, जिनकी एक विशेष पहचान होती है. लेकिन, जब बात किसान की होती है, तो कुछ लोगों को केवल एक ही चेहरा नजर आता है, वह है खेत में बैठा एक गरीब और मजबूर किसान. लेकिन वास्तविक स्थिति ऐसी नहीं है. इसी भ्रम को तोड़ने के लिए कृषि जागरण ने हाल ही 'महिंद्रा मिलेनियर फार्मर ऑफ इंडिया अवॉर्ड' शो का आयोजन किया था. कृषि जागरण की इस पहल ने देशभर के किसानों में से कुछ अग्रणी किसानों को चुनकर राष्ट्रीय के अलावा, अंतरराष्ट्रीयस्तर पर एक अलग पहचान दिलाने का काम किया है. इस अवॉर्ड शो में उन किसानों को सम्मानित किया गया जो सालाना 10 लाख रुपये से अधिक की कमाई कर रहे हैं और कृषि में नवाचार कर अपने आस-पास के किसानों के लिए मिसाल पेश कर रहे हैं. कृषि जागरण की ये पहल आगे भी जारी रहेगी.
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