पिछले कुछ समय से महाराष्ट्र के किसानों की हालात सभी के सामने है. कभी किसान आत्महत्या तो कभी फसल के मूल्य को लेकर कुछ न कुछ समस्या होती ही रही है. यहाँ की सरकार भी किसानों की हालत को सही करने के लिए प्रयास कर रही है. लेकिन अभी तक कोई बड़ा बदलाव देखने को नहीं मिला है. हाल ही में महाराष्ट्र सरकार ने बजट पेश किया है. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सरकार ने गुरुवार को पेश बजट में किसानों की सहूलियत की लिए कई स्कीमों का ऐलान किया है. इस बजट में किसानों पर ख़ासा ध्यान दिया गया.
महाराष्ट्र सरकार के वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने शुक्रवार को बजट पेश किया. फडणवीस सरकार का यह चौथा बजट है.
क्या ख़ास रहा इस बजट में
- खेती से जुड़े पंप सेटों की बिजली सप्लाई के लिए 750 करोड़
- प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना से जुड़े कामों के लिए 3315 करोड़
- कचरा प्रबंधन के लिए 1526 करोड़ रुपये
- जलयुक्त शिवर योजना के लिए 1500 करोड़ रुपये
- नई सीवर ट्रीटमेंट योजना के लिए 335 करोड़ रुपये
- 5 वर्षो में 10 हजार लोगों को कौशल विकास की ट्रेनिंग का लक्ष्य
- सड़कों की मरम्मत और निर्माण के लिए 10828 करोड़ रुपये
- ST-SC और OBC को मिलने वाली फेलोशिप बढ़ा कर 4 हजार रुपये हुई
- राज्य के सभी बस डिपों की मरम्मत के लिए 40 करोड़ रुपये
- नए ऊर्जा केंद्रों के निर्माण के लिए 7, 235 करोड़
- ऑटो रिक्शा वेलफेयर बोर्ड के लिए 5 करोड़ रुपये
- शिवाजी महाराज स्मारक के लिए 500 करोड़ रुपये
- मिहान प्रोजेक्ट के लिए 100 करोड़ रुपये
विपक्ष ने किया पलटवार
विपक्ष ने इस बजट पर कहा कि, फडणवीस सरकार के बजट ने लोगों को निराश किया है. पूर्व वित्त मंत्री जयंत पाटिल ने कहा कि किसानों से लेकर सरकार कर्मचारियों तक हर वर्ग के लोग इस बजट से उम्मीद बांधे हुए थे लेकिन इससे उन्हें निराशा ही हाथ लगी है. उन्होंने कहा कि राज्य के किसान गहरे संकट में हैं.लेकिन राज्य सरकार उन्हें राहत पहुंचाने में नाकाम रही है. महाराष्ट्र में किसानों के भारी आंदोलन के बाद सरकार ने ऋण माफी की बड़ी योजना का ऐलान किया है. हालांकि इसके कारगर होने पर सवाल उठाए जा रहे हैं.
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