स्वादिष्ट मीट के लिए मशहूर मुर्गे की प्रजाति कड़कनाथ रोज चर्चा में बना हुआ है। अब कड़कनाथ के जीआई टैग के लिए पंजीयन कार्यालय में जंग छिड़ गई। इससे पहले मध्य प्रदेश सरकार ने कड़कनाथ मुर्गे का मीट घर बैठे उपलब्ध कराने के लिए ऐप तक लाँच कर डाला तो वहीं अब जीआई टैग के लिए दो राज्य सरकारें आमने सामने थीं। छत्तीसगढ़ व मध्य प्रदेश में जंग छिड़ी हुई थी जीआई टैग की जब मध्य प्रदेश सरकार दावा कर रही थी कि यह मुर्गा राज्य के झाबुआ जिले में पाला जाता है तो छत्तीसगढ़ सरकार का मानना था कि राज्य के दंतेवाड़ा में इस मुर्गे का पालन एक अलग तरह से किया जाता है तथा पूरी तरीके से यह नस्ल वहाँ प्राकृतिक रूप से सुरक्षित है।
फिलहाल नतीजा यह निकला कि चेन्नई में भौगोलिक संकेत पंजीयन कार्यालय ने मध्य प्रदेश को जीआई टैग दे दिया है जिससे छत्तीसगढ़ को अब कड़कनाथ मुर्गे के लिए जीआई टैग नहीं मिल सकेगा। आप को बता दें कि पहले कड़कनाथ मुर्गे अपने स्वादिष्ट एवं पौष्टिक मीट के लिए प्रसिद्ध है। मध्य प्रदेश के अलावा अन्य राज्यों में भी अब लोग इसके पालन के लिए प्रयास कर रहें हैं।
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