1. Home
  2. ख़बरें

मध्यप्रदेश और राजस्थान में कृषि कर्ज माफी के लिए गुंजाइश कम: रिपोर्ट

राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में सत्ता हासिल करने के बाद अपने चुनावी वादे के मुताबिक कांग्रेस ने भले ही किसानों के कर्ज माफी की घोषणा कर दी हो लेकिन हाल ही में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक, तीनों ही राज्यों की राजकोषीय हालत एक जैसी है. उसके हिसाब से कर्जमाफी की गुंजाइश बहुत कम है.

विवेक कुमार राय

राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में सत्ता हासिल करने के बाद अपने चुनावी वादे के मुताबिक कांग्रेस ने भले ही किसानों के कर्ज माफी की घोषणा कर दी हो लेकिन हाल ही में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक, तीनों ही राज्यों की राजकोषीय हालत एक जैसी है. उसके हिसाब से कर्जमाफी की गुंजाइश बहुत कम है. तीनों ही राज्यों की वित्तीय हालत ठीक नहीं है. दरअसल 'केयर रेटिंग्स'  ने अपने रिपोर्ट में कहा है कि 'मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में किसानों की कर्ज माफी का कुल आकार तक़रीबन 62,000 करोड़ रुपये तक होगा. जबकि तीनों राज्यों की राजकोषीय हालात को देखते हुए इतनी गुंजाइश नहीं है.'

रिपोर्ट में कहा गया है कि 'मध्य प्रदेश की राजकोषीय स्थिति के मुताबिक उसके पास केवल 3,120 करोड़ रुपये, राजस्थान के पास 3,095 करोड़ रुपये और छत्तीसगढ़ के पास 1,195 करोड़ रुपये के ही अतिरिक्त बोझ उठाने का सामर्थ्य है. 'केयर रेटिंग्स' के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस के मुताबिक राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम की बाध्यताओं के चलते तीनों ही राज्य इसे वित्त वर्ष 2019-20 में ही लागू कर पाएंगे.

मदन सबनवीस के मुताबिक मध्यप्रदेश में किसानों की कर्ज माफी में करीब 35 से 38 हजार करोड़ रुपये के बीच और राजस्थान में 18,000 करोड़ रुपये के आस-पास भुगतान करना होगा. उन दोनों के सामने इसे लागू करने में समस्या होगी और उम्मीद है कि वह इसे अगले दो सालों में निपटाएंगे. जबकि छत्तीसगढ़ की स्थिति थोड़ी बेहतर है और उसे इस पर 14,000 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे लेकिन वह भी इसे दो साल में ही निपटा पाएगा.

गौरतलब है कि रिजर्व बैंक ने जुलाई में अपनी एक रिपोर्ट में कहा था कि ‘कर्जमाफी शॉर्ट टर्म के लिए बैंकों के बैलेंस शीट को साफ कर सकता है. इससे बैंक लॉन्ग टर्म में कृषि कर्ज बांटने से हतोत्साहित होते हैं.’  ज़्यादातर अर्थशास्त्रियों ने भी कर्जमाफी को लेकर सरकारों को चेताया है, जिसमें रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन भी शामिल हैं. रघुराम राजन ने कहा था कि 'ऐसे फैसलों से राज्य और केंद्र की अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक असर होता है'.

English Summary: Madhya Pradesh and Rajasthan rare scope for agricultural debt waiver: Report Published on: 03 January 2019, 01:42 PM IST

Like this article?

Hey! I am विवेक कुमार राय. Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News