भारत में आए दिन किसानों की परेशानियों को लेकर धरना-प्रदर्शन होता रहता है. बीते कुछ दिनों से मुंबई में किसानों के द्वारा "लॉन्ग मार्च" निकाला जा रहा है. बता दें कि माकपा और अखिल भारतीय किसान सभा के प्रतिनिधिमंडल के साथ बातचीत करने के लिए मंत्री दादा भुसे और अतुल सावे ने बीते हुए कल यानी बुधवार के दिन, मुंबई से ठाणे जिले के शहापुर में पैदल यात्रा निकाली. किसानों की यह पैदल यात्रा सरकार के समक्ष अपनी मांगे रखने के लिए निकाली गई है.
"लॉन्ग मार्च" की स्थिति को देखते हुए माकपा के पूर्व सुरगना विधायक जीवा पांडु गावित ने कहा कि दोनों मंत्रियों के आग्रह पर किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल गुरुवार, 16 मार्च, 2023 यानी कि आज दोपहर मुंबई में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात करेगा.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, "लॉन्ग मार्च" के आयोजकों ने मंत्रालय में किसानों के प्रतिनिधिमंडल के साथ बातचीत करने से सीएम और डिप्टी सीएम के अनुरोध को मानने से मना कर दिया था. इसी के चलते फिर किसान भाइय़ों ने "लॉन्ग मार्च" (Long March) निकाले का फैसला लिया, ताकि किसानों और अन्य लोगों के सामने आने वाली कई तरह की छोटी और बड़ी समस्याओं की ओर राज्य सरकार का ध्यान आकर्षित किया जा सके. यह भी बताया जा रहा है कि इस मार्च में अधिकांश किसान नासिक जिले के आदिवासी क्षेत्र से, अहमदनगर, धुले और पालघर के कई लोग इस मुंबई के "लॉन्ग मार्च" में शामिल हुए.
गावित ने कहा कि आंदोलन में भाग लेने वाले किसान शिंदे और फडणवीस द्वारा मंगलवार को मुंबई में होने वाली वार्ता को टालने से नाखुश थे. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, "मार्च के दौरान किसानों की परेशानी को लेकर कसारा घाट पर एक बैठक हुई जिसमें यह फैसला किया गया कि किसान भाई मुंबई की यात्रा नहीं करेंगे.
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बल्कि मंत्री बातचीत के लिए हमसे आकर मिलें", ताकि परेशानी का हल सरलता से निकल सके. लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ और किसान अपने रुख पर अड़े रहे. इसी के चलते भुसे और सावे ने प्रदर्शनकारियों के प्रतिनिधिमंडल के साथ बातचीत करने के लिए शहापुर की यात्रा की.
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