लोकसभा चुनाव 2019 के मद्देनजर मध्यप्रदेश कांग्रेस के द्वारा 'चौकीदार चोर है" शीर्षक से प्रस्तुत किए गए विज्ञापनों पर रोक लगाते हुए मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी वीएल कांताराव की अध्यक्षता वाली कमेटी ने प्रस्तुत करने की अनुमतियों को निरस्त कर दिया है. भाजपा ने इन विज्ञापनों के प्रसारण को रोकने की अपील की थी. भारतीय जनता पार्टी की ओर से शांतिलाल लोढ़ा ने आपत्ति उठाई थी कि ' प्रदेश कांग्रेस की ओर से विज्ञापन में अपमानजनक और व्यक्ति को बदनाम करने वाली भाषा का उपयोग किया गया है. उन्होंने यह भी कहा था कि चौकीदार के नाम से भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रसिद्ध हैं, जिन्हें विज्ञापन में चोर बताया गया है जो की अपमानजनक है.
किसी भी विज्ञापन में किसी भी व्यक्ति विशेष के नाम से आरोप नहीं लगाए जा सकते हैं, यह संविधान और आचार संहिता दोनों का उल्लंघन है. विज्ञापन से प्रधानमंत्री और उनके कार्यालय को ठेस पहुंची है. कांग्रेस पार्टी ने यह भी नहीं बताया चौकीदार चोर है से तात्पर्य उनका किस व्यक्ति से है. इसलिए विज्ञापन को ख़ारिज किया जाए. बता दे कि भाजपा की आपत्ति पर प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग की अध्यक्ष शोभा ओझा ने यह तर्क दिया था कि 'चौकीदार चोर है" से आशय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नहीं है. हालांकि शोभा ओझा सही ढंग से यह भी स्पष्ट नहीं कर पाई कि उनका आशय किससे है.
बता दे कि मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी और राज्य स्तरीय मीडिया प्रमाणन तथा अनुवीक्षण समिति (Media certification and scrutiny committee ) के अध्यक्ष वीएल कांताराव ने 'चौकीदार चोर है" से संबंधित ऑडियो और वीडियो विज्ञापन को किसी भी माध्यम से प्रचार-प्रसार करने पर रोक लगा दी है. वीएल कांताराव ने इन्हें जमा करवाने का आदेश देने के साथ यह भी कहा कि राज्य स्तरीय विज्ञापन प्रमाणन समिति (State level advertising certification committee ) ने जो विज्ञापन आदेश जारी किए थे, उनको निरस्त करते हुए अपील स्वीकार की जाती है. इस आदेश से असंतुष्ट होने पक्ष अपना अपील उच्चतम न्यायालय में कर सकता है.
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