हिन्दू धर्म के लोग सभी पर्वों को बहुत ही धूमधाम से मनाते हैं. इसके लिए वह कई दिनों पहले से तैयारियां करना शुरू भई कर देते हैं. ऐसे में अगस्त भी व्रत- त्यौहार की दृष्टि से विशेष है, क्योंकि अगस्त में कई और प्रमुख व्रत- त्यौहार पड़ रहे हैं. यानी पूरा अगस्त ईश्वर की आराधना में बीतेगा, तो आइए जानते हैं अगस्त में कौन से प्रमुख व्रत-त्यौहार (August Festivals 2021) आ रहे हैं और उनका महत्व क्या है?
कामिका एकादशी (Kamika Ekadashi)
कामिका एकादशी श्रावण माह के कृष्ण पक्ष के दिन मनाई जाती है, जो 4 अगस्त दिन बुधवार को पड़ रही है. इस दिन विष्णु भगवान की पूजा-अराधना होती है. मान्य़ता है कि यह व्रत करने से पुण्य से जीवात्मा को पाप से मुक्ति मिलती है.
कृष्ण प्रदोष व्रत (Krishna Pradosh Vrat)
हर माह में कृष्ण और शुक्ल पक्ष में 2 प्रदोष पड़ते हैं. धर्म शास्त्रों में सावन के पहले प्रदोष व्रत का विशेष महत्व बताया गया है. इस साल सावन मास के कृष्ण पक्ष में 5 अगस्त दिन गुरुवार को पहला गुरु प्रदोष पड़ रहा है.
सावन शिवरात्रि (Sawan Shivratri)
इस साल सावन की शिवरात्रि 6 अगस्त दिन शुक्रवार को पड़ रही है. इस दिन भगवान शंकर को जल चढ़ाया जाता है. इस साल निशिता काल पूजा मुहूर्त : शनिवार 7 अगस्त 2021 की सुबह 12 बजकर 06 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक है. इसके साथ ही पूजा की अवधि केवल 43 मिनट तक है. बता दें कि इस व्रत का पारण मुहूर्त शनिवार 7 अगस्त की सुबह 5 बजकर 46 मिनट से दोपहर 3 बजकर 45 मिनट तक है.
हरियाली तीज (Hariyali Teej)
यह पर्व सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया को पड़ता है. इस बार यह पर्व 11 अगस्त दिन बुधवार को मनाया जाएगा. इस दिन सुहागिन स्त्रियां निर्जला व्रत रखती हैं और अपने हाथों में मेहंदी, नई चूड़ियां और पैरों में आलता लगाती हैं. इसके बाद नए वस्त्र पहनकर किसी बाग या मंदिर में जाकर मां पार्वती की पूजा करती हैं.
नागपंचमी (Nagpanchami)
यह पर्व श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाया जाता है. इस बार यह 13 अगस्त दिन शुक्रवार को पड़ रही है. इस दिन नागों की पूजा होती है, इसलिए इसे पंचमी को नागपंचमी कहा जाता है.
ओणम (Onam)
यह पर्व केरल का सबसे प्राचीन और पारंपरिक उत्सव माना जाता है. इस साल यह 21 अगस्त दिन शनिवार को मनाया जा रहा है. खास बात यह है कि इस पर्व को 10 दिनों तक मनाया जाता है. इसमें सभी पुरुष खुद को शेर और चीते के रंग में रंगते हैं, साथ ही सड़कों पर डांस करते हैं. इस अनोखी परंपरा को ‘प्लेल ऑफ द टाइगर्स’ का नाम भी दिया गया है.
रक्षाबंधन (Raksha Bandhan)
यह पर्व सावन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है. इस साल रक्षाबंधन 22 अगस्त दिन रविवार को मनाया जाएगा. वैदिक काल से ही ब्राह्मणों ने रक्षाबंधन का पर्व मनाया शुरू कर दिया था. इन दिन बहनें अपने भाईयों को रक्षा सूत्र बांधती हैं.
जन्माष्टमी (Janmashtami)
श्रीकृष्ण ने अपना अवतार भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मध्यरात्रि को मथुरा में जन्म लिया था, इसलिए इस दिन को कृष्ण जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है. इस दिन मंदिरों में झांकियां सजाई जाती है, साथ ही भगवान कृष्ण को झूला झुलाया जाता है.
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