भारत एक गांव का देश है. जहां पर ज्यादातर लोग गांव में रहकर ही अपना जीवन यापन करते हैं. शायद इसी वजह से भारत को आत्मनिर्भर और संवारने के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मनोहर योजना को अपने राज्य के सभी जिलों में लागू किया है.
गौरतलब है कि इस लाल डोरा योजना के फायदे देखते हुए केंद्र सरकार ने भी इसी योजना को पूरे देश में स्वामित्व योजना के नाम से लागू किया है. जिससे देश के सभी लोगों को इस योजना का लाभ पहुंच सके और पूरे देश को आत्मनिर्भर बनाया जा सके.
आपको बता दें कि सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, लाल डोरा योजना में अब तक हरियाणा राज्य के 227 गांवों के 21 हजार 927 परिवारों को उनकी संपत्ति का मालिकाना हक दिया जा चुका है.
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इस योजना को सर्वप्रथम कहां लागू किया गया (Where was this scheme first implemented?)
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सर्वप्रथम लाल डोरा योजना को करनाल में स्थित गांव सिरसी में इस योजना को लागू किया था. फिर इस योजना को मुख्यमंत्री ने करनाल के बाद, जींद व सोहना में लागू किया. इस योजना के माध्यम से गांव के लोगों को जमीन की खरीद व उस पर ऋण लेने का अधिकार भी दिया गया. इसके साथ ही मालिकाना हक से संबंधित सभी विवादों पर रोक लगा दी गई.
मत्स्य पालकों का 5 लाख रुपए तक निःशुल्क बीमा (Free insurance for fishermen up to Rs 5 lakh)
इस योजना में ग्रामीणों को आर्थिक रूप से मजबूत और सशक्त बनाने की एक नई दिशा दी. इस योजना के तहत कई लोगों को लाभ हुआ. यह योजना पशुपालन व मत्स्य पालन की आय बढ़ाना का भी एक बढ़िया साधन बना है. ये ही नहीं इस योजना में दुधारू पशुओं की खरीद के लिए बैंक ब्याज दर पर भी सुविधा दी गई.
बता दें कि इस योजना में अब तक 1692 डेयरियों की स्थापना की गई है और 17 हजार 216 हेक्टेयर जलक्षेत्र में मत्स्य पालन के माध्यम से 22500 मत्स्य पालकों के द्वारा 8232 पंचायती तथा 2100 निजी तालाबों में भी मछली उत्पादन को बढ़ाया गया है. इस योजना के माध्यम से 1400 मछुआरों व मत्स्य पालकों का लगभग 5 लाख रूपए तक निःशुल्क बीमा भी करवाया गया है.
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