1. Home
  2. ख़बरें

Coronavirus: बेहाल हुए मजदूर, कर रहे हैं पलायन, कह रहे हैं नहीं झेलना चाहते हैं पहले जैसा दर्द

तबाही के मंजर के बीच सुकून के दो पल तलाशने की चाहत में एक बार फिर से मजदूरों ने पलायन शुरू कर दिया है. विगत वर्ष की हदय विदारक घटनाओं को याद कर आज भी सिहर जाने वाले मजदूर अपने कंपकंपाते लबों से कहते हैं कि, ‘वे पहले जैसा दर्द नहीं झेलना चाहते हैं.’ जिस तरह विगत वर्ष उन्होंने दुख, दर्द व तकलीफ का सामना किया था, उसी तरह की स्थिति का सामना करने की ताकत अब उनके अंदर नहीं बची है, लिहाजा वे अब पलायन करना ही मुनासिब समझ रहे हैं.

सचिन कुमार
Labour
Labour

तबाही के मंजर के बीच सुकून के दो पल तलाशने की चाहत में एक बार फिर से मजदूरों ने पलायन शुरू कर दिया है. विगत वर्ष की हदय विदारक घटनाओं को याद कर आज भी सिहर जाने वाले मजदूर अपने कंपकंपाते लबों से कहते हैं कि, ‘वे पहले जैसा दर्द नहीं झेलना चाहते हैं.’ जिस तरह विगत वर्ष उन्होंने दुख, दर्द व तकलीफ का सामना किया था, उसी तरह की स्थिति का सामना करने की ताकत अब उनके अंदर नहीं बची है, लिहाजा वे अब पलायन करना ही मुनासिब समझ रहे हैं.

बता दें कि यह दर्द राजस्थान के मजदूरों का है, जो लॉकडाउन की मार से बेहाल होकर अब पालयन करने पर मजबूर हो चुके हैं. कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए अब प्रदेश में 25 मई तक लॉकडाउन लगाया जा चुका है. ऐसे में मजदूरों के जेहन में यह डर बैठ गया है कि कहीं आगे फिर से न लॉकडाउन बढ़ा दिया जाए. अगर ऐसा हुआ, तो मजदूरों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, लिहाजा वे अभी से ही अपनी जमा पूंजी लेकर पलायन कर लेना मुनासिब समझ रहे हैं, ताकि वे आगामी विपदा से खुद को सुरक्षित रख सके. कुछ ऐसा ही हाल मध्यप्रदेश के मजदूरों का भी है, जो अपनी नम आंखों और लड़खड़ाते लबों से बीते वर्ष की कड़वी यादों को याद करते हुए कहते हैं कि वे अब फिर से मीलो दूर पैदल चलने की स्थिति नहीं हैं. कोरोना की त्रासदी के दौरान उन्होंने अपनों को खोया है, जिसका गम उन्हें आजीवन रहेगा.

गौरतलब है कि कोरोना की पहली लहर में लॉकडाउन के दौरान मजदूरों को जिस व्यथा से होकर गुजरना प़ड़ा था. वह यकीनन दिल को पसीज देने वाला है. आज भी उस मंजर को याद कर हर कोई सिहर जाता है. इसमें कोई दोमत नहीं है कि इन हदयविदारक मंजर का जिम्मेदार कोई और नहीं, बल्कि हमारी सरकार ही थी, जिनके प्रबंधन के परिमाणस्वरूप मजूदरों को इतनी समस्याओं का सामना करना पड़ा था, जिसे लेकर विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार पर निशाना भी साधा था, मगर इसे लेकर सरकार ने दो टूक कह दिया था कि कोरोना के कहर को काबू में करने के लिए इस तरह के सख्त कदम उठाना अनिवार्य थे.

भले ही केंद्र सरकार पर संपूर्ण लॉकडाउन लगाने का दबाव हो, मगर इस बार वे इससे परहेज करती हुई दिख रही है. हालांकि, केंद्र सरकार ने कोरोना के कहर को ध्यान में रखते हुए लॉकडाउन लगाने का फैसला राज्य सरकारों के जिम्मे छोड़ दिया है.

राज्य सरकारें अपने यहां की स्थिति को ध्यान में रखते हुए लॉकडाउन लगाने जैसा कदम उठा सकती है, जिसके चलते कई राज्य अभी लॉकडाउन की मार झेल रहे हैं. वहीं, कोरोना को काबू में करने के लिए केंद्र सरकार वैक्सीनेशन की प्रक्रिया भी शुरू कर चुकी है, जिसके तहत समाज के एक बड़े तबके को वैक्सीन लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.

English Summary: Labours are compel to escapade from their places due to lockdown Published on: 11 May 2021, 04:52 PM IST

Like this article?

Hey! I am सचिन कुमार. Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News