उत्तर प्रदेश सरकार के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम और निर्यात संवर्धन विभाग ने कू ऐप (Koo App) के साथ एक समझौता (एमओयू) किया है. इस कदम से दुनियाभर में मौजूद भारतीयों के लिए अपनी भाषा में खुद को अभिव्यक्त करने के लिए बनाए गए माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म द्वारा 'एक जिला, एक उत्पाद' (One District, One Product, ODOP) पहल को बढ़ावा मिलेगा.
इस समझौते का उद्देश्य क्या है?
एमओयू के तहत कू ऐप, ओडीओपी उत्पादों को बढ़ावा देने और इससे जुड़ी जानकारी को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने के लिए 10 भाषाओं में मौजूद अपने मंच का इस्तेमाल करेगा. इसके अलावा, कू ऐप कॉरपोरेट गिफ्टिंग के मकसद से ओडीओपी उत्पाद भी खरीदेगा. यह समझौता यूपी-ओडीओपी के कल्याण कार्यक्रमों और योजनाओं की ज्यादा पहुंच और संचार को भी सक्षम करेगा, जो विशेष रूप से गैर-अंग्रेजी भाषी लोगों के साथ-साथ स्थानीय कारीगरों को दर्शकों के बड़े वर्ग तक पहुंचाने और देशभर में अपना व्यवसाय बढ़ाने में मदद करेगा. कू ऐप पर ओडीओपी हैंडल तक @UP_ODOP के जरिये पहुंचा जा सकता है.
यूपी सरकार कू ऐप के साथ मिलकर ODOP को देगी बढ़ावा
उत्तर प्रदेश सरकार में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम और निर्यात संवर्धन के अतिरिक्त मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने कू ऐप के सह-संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री अप्रमेय राधाकृष्ण के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए. इस दौरान मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने कहा, "कू ऐप के साथ यह जुड़ाव हमारे ओडीओपी उत्पादों को बड़े दर्शकों तक पहुंचाने में मदद करेगा और कई क्षेत्रीय भाषाओं में ओडीओपी से जुड़ी बातचीत को बढ़ावा देगा."
स्थानीय कारीगरों के शिल्प को पूरे भारत में ले जाने का काम करेगा कू ऐप
कू ऐप के सह-संस्थापक अप्रमेय राधाकृष्ण ने कहा, “उत्तर प्रदेश सरकार के साथ इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करते हुए हमें बहुत प्रसन्नता हो रही है. जब ओडीओपी पहल के माध्यम से स्थानीय उत्पादों को विश्व स्तर पर बढ़ावा देने की बात आती है, तो उत्तर प्रदेश एक अगुआ के रूप में उभरकर सामने आया है. हमारे लिए स्थानीय कारीगरों के शिल्प को समूचे भारत में ले जाना और विभिन्न भाषाओं में इसे बढ़ावा देने में मदद करना वास्तव में एक खुशी की बात है.”
क्या है 'एक जिला, एक उत्पाद'?
'वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट' (ओडीओपी) 2018 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा शुरू की गई एक प्रमुख पहल है. इसका उद्देश्य कारीगरों को उनके उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार करने के साथ स्वदेशी और विशेष उत्पादों एवं शिल्प को प्रोत्साहित करना है. इसके अंतर्गत कारीगरों की आय बढ़ाने और ज्यादा रोजगार पैदा करने के लिए एक व्यापक उद्देश्य के साथ मार्केटिंग और ब्रांडिंग में मदद करना भी शामिल है. इस पहल को अब केंद्र सरकार और देशभर के अन्य राज्यों द्वारा भी अपनाया जा रहा है.
अधिक जानकारी के लिए इसका वेबसाइट देखें - http://www.odopup.in/en
कू ऐप के बारे में जानें
Koo App की लॉन्चिंग मार्च 2020 में भारतीय भाषाओं के एक बहुभाषी, माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म के रूप में की गई थी, ताकि भारतीयों को अपनी मातृभाषा में अभिव्यक्ति करने में सक्षम किया जा सके. कू ऐप ने भाषा-आधारित माइक्रो-ब्लॉगिंग में नया बदलाव किया है. Koo App फिलहाल हिंदी, मराठी, गुजराती, पंजाबी, कन्नड़, तमिल, तेलुगू, असमिया, बंगाली और अंग्रेजी समेत 10 भाषाओं में उपलब्ध है. Koo App भारतीयों को अपनी पसंद की भाषा में विचारों को साझा करने और स्वतंत्र रूप से अभिव्यक्ति के लिए सशक्त बनाकर उनकी आवाज को लोकतांत्रिक बनाता है.
मंच की एक अद्भुत विशेषता अनुवाद की है जो मूल टेक्स्ट से जुड़े संदर्भ और भाव को बनाए रखते हुए यूजर्स को रीयल टाइम में कई भाषाओं में अनुवाद कर अपना संदेश भेजने में सक्षम बनाती है, जो यूजर्स की पहुंच को बढ़ाता है और प्लेटफ़ॉर्म पर सक्रियता तेज़ करता है. प्लेटफॉर्म चार करोड़ डाउनलोड का मील का पत्थर छू चुका है और राजनीति, खेल, मीडिया, मनोरंजन, आध्यात्मिकता, कला और संस्कृति के 7,000 से ज्यादा प्रतिष्ठित व्यक्ति अपनी मूल भाषा में दर्शकों से जुड़ने के लिए सक्रिय रूप से मंच का लाभ उठाते हैं.
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