महराष्ट्र में कई दिनों की सियासी उठा पटक के बाद अब एक नई सरकार बन चुकी है. नई सरकार में एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री के रूप में चुना गया है. ऐसे में यह उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले समय में बुलेट ट्रेन परियोजना के कार्य में तेजी आ सकती है और पहले जो फाइल मुख्यमंत्री कार्यालय में अटकी पड़ी थी.
वह अब आगे बढ़ सकती है. बुलेट ट्रेन की इस फाइल में एक सुरंग बनने के लिए कुछ ज़मीन को अधिग्रहीत करना था, लेकिन वह बहुत समय अटकी पड़ी थी, लेकिन अब उस काम के जल्द ही शुरू होने की संभावना है.
जानकारी के लिए आपको बता दें कि बुलेट ट्रेन का यह प्रोजेक्ट 508 किलोमीटर लंबा मुंबई से आहमदाबाद के बीच 1.1 ट्रिलियन रूपये की लागत से बनने वाला है. इस पूरे 508 किलोमीटर के फासले में लगभग 12 स्टेशन रहेंगे जिनपर ट्रेने के स्टोपज रहा करेंगे.
क्या है बुलेट ट्रेन परियोजना?( what is bullet train project)
मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के शुरू होने के एक साल बाद ही 2015 में मुंबई से अहमदाबाद के बीच बुलेट ट्रेन शुरू करने की घोषणा की गई थी. इस बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए भारत ने जापान के साथ समझौता किया था. सितंबर 2017 में इस प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया गया, तब रेलवे ने कहा था कि 15 अगस्त 2022 तक मुंबई से अहमदाबाद के बीच हाई स्पीड रेल शुरू करने की पूरी कोशिश की जाएगी, लेकिन साल 2022 में इसके पूरे होने की संभावना नहीं है, इसलिए इस प्रोजेक्ट की गाइडलाइन को एक साल बढ़ाकर 2023 में शिफ्ट कर दिया.
बुलेट ट्रेन परियोजन से जुड़े कुछ आंकड़े(Data about bullet train project)
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बुलेट ट्रेन परियोजन के लिए महाराष्ट्र में 432 हेक्टेयर भूमि की ज़रूरत है, लेकिन अभी तक सिर्फ 312 हेक्टेयर भूमि का ही अधिग्रहण ही हो पाया है.
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95 हेक्टेयर वन भूमि का भी अधिग्रहण होना था, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री के कार्यलय में इसकी फाइल अटकी हुई थी.
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