Kisanmart: देश में किसान अपनी फसलों की मिलने वाले दाम को लेकर हमेशा चिंतीत रहते हैं. लेकिन, अब ऐसा नहीं होगा. किसानों को उनकी फसलों को उचित दाम भी मिलेगा और लोगों तक भी किसानों के उत्पाद आसानी से पहुंच पाएंगे. इसके लिए केंद्र सरकार एक नई पहल शुरू करने जा रही है. दरअसल, किसानों और कृषि-उद्यमियों को ग्राहकों से सीधे जोड़ने और डायरेक्ट अपने उत्पाद बेचने में मदद करने के लिए केंद्र सरकार एक ई-कॉमर्स पोर्टल लाने जा रही है. ताकि देश में कृषि उपज बेचने की प्रक्रिया को डिजिटल माध्यम से और आसान बनाया जा सके. इस पोर्टल को 'किसानमार्ट'/What is Kisanmart portal? नाम दिया गया है. बेंगलुरु स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान (एटीएआरआई) द्वारा यह पोर्टल डेवलप किया जा रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो अगस्त तक इस वेबसाइट का काम पूरा होने की उम्मीद है. जिसके बाद इसे किसानों और ग्राहकों के लिए लॉन्च किया जाएगा.
किसानों को होगा फायदा
किसानमार्ट पोर्टल उन किसानों के लिए माध्यम होगा जो अपने कृषि उत्पाद सीधा छोटे ग्राहकों या खुदरा उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराना चाहते हैं. इस पोर्टल के जरिए किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) और स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) जैसे समूह भी अपने उत्पाद बेच पाएंगे. किसानकार्ट पोर्टल एक ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म है, जो किसानों और कृषि उद्यमियों को उनकी उत्पादों को अधिक बाजार में पहुंचाने में मदद करेगा. इससे किसानों को बिचौलियों से राहत मिलेगी और उत्पाद सीधा ग्राहकों तक पहुंचेगा. जिससे किसानों का भी फायदा होगा. बिचौलियों को दूर करने से किसानों की आय भी बढ़ेगी और छोटे और सीमांत किसानों को सशक्त करने के लिए विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों के स्थानीय और विशेष उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा.
आसानी से मिलेगी ये सभी उत्पाद
अटारी की टेक्नोलॉजी टीम द्वारा विकसित पोर्टल को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लॉन्च किया गया है, इस वेबसाइट पर किसानों द्वारा उत्पादित सब्जियों, तेल, मसाले, अनाज, बाजरा, फलों, सब्जियों और मशरूम जैसे उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला उपलब्ध है. ग्राहकों के लिए वेबसाइट पर आकर खरीदारी करना सरल होगा. इसके अतिरिक्त, किसान पोर्टल के माध्यम से बीज, जैविक खाद, और खेती-बाड़ी से जुड़े उपकरण भी उपलब्ध होंगे. ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के माध्यम से बेचे जाने वाले सभी उत्पाद किसान समृद्धि के समान ब्रांड के तहत होंगे. इसका मतलब है कि ग्राहकों को पोर्टल के माध्यम से अलग-अलग किसानों केंद्रित योजनाओं जैसे ओडीओपी (एक जिला एक उत्पाद) से आने वाले उत्पाद और भौगोलिक संकेत (जीआई) टैग वाले फसलें और सामान भी बहुत आसानी से खरीद सकेंगे.
कृषि उत्पादों के डिजिटलीकरण में क्रांतिकारी कदम
आईसीएआर के महानिदेशक हिमांशु पाठक ने कहा कि इस पोर्टल के शुरू होने से पूरे भारत में लाखों किसानों और कृषि उद्यमियों को फायदा होगा. ऐसा करके, यह कृषि उत्पादों को डिजिटल बनाने की प्रक्रिया में क्रांति ला सकता है. ATARI ई-मार्केटप्लेस को बढ़ाने और शुरू करने के लिए, सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस कंप्यूटिंग (C-DAC) और ICAR-IASRI की विशेषज्ञता का सहारा लिया जाएगा. इसके साथ ही, इन उत्पादों के ऑनलाइन बेचने के लिए लॉजिस्टिक्स और डिलीवरी के लिए डेल्हीवेरी और भारतीय डाक के साथ साझेदारी भी की जाएगी.
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