नाबार्ड कृषि निर्यात सुविधा केंद्र (एईएफसी) द्वारा "आकांक्षी जिले के लिए डीबीटी बायोटेक किसान हब" के सहयोग से "नागौर-सिरोही किसान समृद्धि यात्रा" का आयोजन किया गया. यह दोनों जिलों के बीच अपनी तरह का पहला एक्स्चेंज कार्यक्रम था, जिसमें नागौर के खजवाना-मेड़ता क्षेत्र के दो दर्जन से अधिक सौंफ उगाने वाले किसान शामिल हुए. यात्रा उद्देश्य सिरोही जिले के सौंफ़ उगाने वाले प्रगतिशील किसानों द्वारा अपनाई गई उन्नत उत्पादन प्रथाओं, एकीकृत पोषक तत्व प्रबंधन, मल्टिपल पुष्पगुच्छ कटिंग, कम लागत में सुखाने की वर्टिकल शेड तकनीक, ग्रेडिंग और फसल कटाई के बाद के प्रबंधन के विषय में सभी प्रतिभागियों को अवगत कराना था.
यात्रा में चर्चा सत्र के दौरान सौंफ की अधिक उपज वाली रोग प्रतिरोधी किस्म आबू सौंफ-440, युग्मित पंक्ति रोपण, अच्छी कृषि पद्धतियां (जीएपी), एकीकृत कीट प्रबंधन (आईपीएम) और एकीकृत रोग प्रबंधन (आईडीएम) तकनीक, ग्रेडिंग, भंडारण और पैदावार की पैकेजिंग पर ध्यान केंद्रित किया गया. नाबार्ड, सिरोही के जिला विकास प्रबन्धक डॉ. दिनेश प्रजापत ने नागौर के किसानों से वैज्ञानिक सौंफ उत्पादन, उनके फ़सलोत्तर प्रबंधन, बाजारों के साथ संपर्क स्थापित करने और अपनी गतिविधियों को बढ़ाने के लिए बैंक ऋण का पूरा लाभ उठाने का आह्वान किया.
कार्यक्रम में 10 गांवों के प्रगतिशील किसानों ने लिया भाग
आकांक्षी जिले सिरोही के लिए भारत सरकार द्वारा समर्थित बायोटेक किसान हब, जैव प्रौद्योगिकी विभाग; केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान (काज़री) क्षेत्रीय अनुसंधान स्टेशन (आरआरएस), पाली; कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके), सिरोही; डीडीएम-सिरोही, नाबार्ड और दक्षिण एशिया जैव प्रौद्योगिकी केंद्र (एसएबीसी), जोधपुर ने भी यात्रा में भाग लिया. इस यात्रा कार्यक्रम में डॉ. दिनेश प्रजापत, जिला विकास प्रबन्धक, नाबार्ड-सिरोही; डॉ. कमला चौधरी, काजरी-आरआरएस, पाली; डॉ. कामिनी पराशर, केवीके, सिरोही और डॉ. भागीरथ चौधरी, दक्षिण एशिया जैव प्रौद्योगिकी केंद्र, जोधपुर के साथ सिरोही के प्रगतिशील किसानों और नागौर जिले के खजवाना-मेड़ता बेल्ट के 10 गांवों से सौंफ़ के 25 प्रगतिशील किसानों ने भाग लिया.
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इस किसान समृद्धि यात्रा का समापन एक प्रगतिशील किसान के खेत के दौरे के साथ हुआ जहां कम लागत वाली वर्टिकल शेड वाली सुखाने की संरचना के विषय में भी किसानों को जानकारी दी गई.
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