मध्य प्रदेश के किसानों को हम इस लेख के माध्यम से जरूरी जानकारी देने जा रहे है. जी हां, समय-समय पर मौसम के ताजा हालातों को देखते हुए मौसम विभाग (IMD) किसानों की फसलों को सुरक्षित रखने के लिए कृषि संबंधी जानकारी देता है जिसे हम एग्रोमेट एडवाइजरी भी कहते है.
इसी कड़ी में हम मध्य प्रदेश के किसानों को उनकी फसलों के लिए इस मौसम में क्या करना सही है और क्या गलत इसकी जानकारी दे रहे हैं. ऐसे में चलिए सिलसिलवार तरीके से राज्य के अलग-अलग क्षेत्रों के विभिन्न फसलों के लिए मौसम विभाग द्वारा दी गई जानकारी के बारे में नीचे पढ़ते हैं.
राज्य के मौसम को लेकर IMD का पूर्वानुमान
राज्य कृषि मौसम विज्ञान केंद्र भोपाल के मुताबिक, राजगढ़, नीमच, रतलाम, शाजापुर, आगर, मंदसौर जिले के अलग-अलग स्थानों में भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है. ग्वालियर व चंबल संभाग के जिलों, उज्जैन और रायसेन में छिटपुट स्थानों पर भारी बारिश की संभावना हैं. चंबल और ग्वालियर मंडल, उज्जैन, नीमच, रतलाम, शाजापुर, आगर,मंदसौर और राजगढ़ जिले के अलग-अलग स्थानों पर बिजली के साथ गरज और छींटे पड़ सकते हैं.
जानें, क्षेत्रवार कृषि मौसम संबंधी सलाह
VINDHYAN PLATEAU के किसान ध्यान दें
भारत मौसम विज्ञान विभाग, भोपाल से प्राप्त पूर्वानुमान के मुताबिक, अगले पांच दिनों (17 से 21 अगस्त 2022 से प्रभावी) के दौरान आसमान में मुख्य रूप से बादल छाए रहेंगे. वही जिला सीहोर में गरज के साथ मध्यम से भारी बारिश की संभावना है. इस दौरान क्षेत्र में 120 घंटे की रफ्तार से हवाएं भी चल सकती हैं. पिछले हफ्ते सोयाबीन उगाने वाले कुछ क्षेत्रों में निरंतर भारी बारिश जारी रहने की खबर मिली. इसलिए किसानों को सलाह दी जाती है कि वो आवश्यक जल निकासी की व्यवस्था पहले ही कर लें.
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सोयाबीन (Soybean) की फसलों में जरूर करें ये बड़े काम
यदि सोयाबीन एन्थ्रेक्नोज, एरियल ब्लाइट और चारकोल सड़ांध से पीड़ित हो तो फसलों पर Tebuconazole @ 625 ml/ha या Tebuconazole + Sulfur 1 kg/ha या हेक्साकोनाज़ोल @ 500 मिली/हेक्टेयर या पाइरोक्लोस्ट्रोबिन @ 500 ग्राम/हेक्टेयर को 500 लीटर पानी के साथ छिड़काव करें.
वही करधनी भृंग के प्रबंधन के लिए फसल पर थाइक्लोप्रिड 21.7 एससी @ 650 का छिड़काव करें. यह स्टेम फ्लाई के नियंत्रण में भी मदद करेगा.
सड़न रोकने वालों के प्रबंधन के लिए फसलों में निम्नलिखित में से किसी एक कीटनाशक का छिड़काव करें:-
1.क्विनालफॉस 25 ईसी 1.5 लीटर/हे (Quinalphos 25 EC @1.5 lit./ha)
2. इंडोक्साकार्ब 14.5 एससी@300 मिली/हेक्टेयर (Indoxacarb 14.5 SC@300 ml/ha)
3.फ्लुबेंडियामाइड 39.35 SC @150 मिली/हेक्टेयर (Fluebendiamide 39.35 SC @150 ml/ha)
4. Fluebenmide 20 WG@250-300 ml/ha (Fluebenmide 20 WG@250-300 ml/ha)
5.स्पिनटोराम 11.7 एससी @450 मिली/हेक्टेयर (Spinetoram
11.7 SC @450 ml /ha)
सफेद मक्खी के वयस्कों (वाईएमवी के लिए वेक्टर) के प्रबंधन के लिए सोयाबीन के खेतों में पीले चिपचिपे जाल लगाने के साथ-साथ प्रभावित पौधों/भाग को नष्ट करने की सलाह दी जाती है. किसानों को सलाह दी जाती है कि वे फसल को थियामेथोक्सम 25 डब्ल्यूजी @ 100 ग्राम / 500 लीटर पानी / हेक्टेयर के साथ स्प्रे करें. लक्षण दिखाई देने के तुरंत बाद किसानों को सलाह दी जाती है कि लक्षण दिखाई देने के बाद संभावित संक्रमण का आकलन करने के लिए लाइट ट्रैप/कीट विशिष्ट फेरोमोन ट्रैप स्थापित करें.
Fruit Orchard (बागवानी किसानों के लिए जरूरी सलाह)
आम, अमरूद और आंवला जैसे फलों के बागों में खेत तैयार करके, थाला बनाकर खेत की खाद और रासायनिक उर्वरक की अनुशंसित खुराक प्रदान करें. नए फलदार पौधों के रोपण के लिए गड्ढे खोदें और खेत की खाद @15-25 किग्रा/गड्ढे के साथ मिलाएं.
सब्जियों की खेती करने वाले किसानों के लिए सलाह
खरीफ की सब्जियों में खड़ी फसलों का इंटरकल्चरल ऑपरेशन किया जाता है और खेत में निराई की जाती है. कुकुर्बिटेसियस फसलें स्टेकिंग और समर्थन या पर्वतारोही मांडुप का निर्माण करती हैं. खड़ी सब्जी फसलों का संरक्षण अनुशंसित कीटनाशकों और कवकनाशी का छिड़काव करके करें. छिड़काव से पहले कीट और रोग की पहचान अवश्य कर लें.
खीरे की सब्जी के फसलों की खेत की तैयारी के लिए यह सही समय है. लौकी, कद्दू, ककड़ी, और करेला की बुवाई के लिए क्यारी या थाला तैयार करें. बारिश के बाद खेत में खाद और रासायनिक उर्वरक की अनुशंसित खुराक का प्रयोग करके बीज बोया जा सकता है. इसके साथ ही ये हल्दी, अदरक और कोलोकेशिया की फसल लगाने का सही समय भी है.
पशुपालकों के लिए जरूरी सलाह
1. मौसम की स्थिति को देखते हुए पशुओं में एचएस रोग, लंगड़ी बुखार (एक टंगिया रोग), पैर और मुंह की बीमारी फैलने की संभावना है, नियंत्रण के लिए पशुओं का टीकाकरण करें.
2.जानवर को सीधी बारिश और कीचड़ भरे फर्श से बचाएं.
3.पीपीआर रोग को नियंत्रित करने के लिए बकरी का टीकाकरण करें.
4. जुलाई-अगस्त का महीना मछलियों के प्रजनन का महीना होता है, इसलिए मछलियां न बेचें और नए बीज डालें और अनावश्यक जीवों को बाहर करें.
NIMAR VALLEY के किसानों के फसलों को लेकर सामान्य सलाह
भारी बारिश के कारण कपास, मक्का और सोयाबीन की फसल खराब हो सकती है, इसलिए कृपया खेत में पानी के ठहराव से बचें और बाहरी रिज को तोड़ने के लिए खेत से जल निकासी की व्यवस्था करें.
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