झारखंड सरकार की कृषि ऋण माफी योजना 29 दिसंबर से शुरू हो चुकी है, लेकिन इसके नियम और शर्तों की जानकारी बहुत से लोगों को नहीं है. इसी उद्देश्य से जिला प्रशासन ने जागरूकता रथ निकाला है, जो गांव-गांव में घूमकर लोगों को इस योजना की जानकारी देगी. इस रथ को उपविकास आयुक्त परमेश्वर भगत और अपर उपायुक्त प्रदीप प्रसाद ने झंडी दिखाकर रवाना किया.
उपविकास आयुक्त ने बताया कि इसमें ऐसे परिवार को भी लाभ मिलेगा, जिनके यहां बैंक से ऋण लेने वाले किसान की मौत हो गई है. ऐसे में उनके परिवार को चिंतित होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि उनके आश्रित को भी इस योजना का लाभ मिलेगा. उपविकास आयुक्त ने कहा कि योग्य किसानों तक कृषि ऋण माफी योजना की जानकारी पहुंचे, इसलिए जन जागरूकता रथ को व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए रवाना किया गया है.
ओलावृष्टि व सुखाड़ समेत प्राकृतिक आपदा का मिलेगा लाभ
जिला कृषि पदाधिकारी मिथिलेश कालिंदी के अनुसार इस योजना में ऐसे किसानों को लाभ मिलेगा, जिनका पिछले कई वर्षो में मानसून की अनियमित स्थिति, सुखाड़, ओलावृष्टि और अन्य प्राकृतिक आपदा के कारण फसल का नुकसान हुआ हो. किसानों की आय में कमी, फसल ऋण चुकाने में असमर्थता एवं नई फसल ऋण के लिए अयोग्य होने के कारण मुख्यमंत्री ने कृषि ऋण माफी योजना का शुभारंभ किया है.
झारखंड कृषि ऋण माफी योजना की सात शर्तें
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50,000 रुपये तक की राशि माफ की जाएगी.
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आवेदक को आवेदन के लिए एक रुपये का भुगतान करना होगा.
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किसान की आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए.
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एक परिवार से केवल एक ही फसल ऋणधारक पात्र होंगे.
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आवेदक केसीसी ऋणधारक होना चाहिए.
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दो बैकों से केसीसी ऋण प्राप्त किए कृषक को 50,000 रुपये तक की राशि ही माफ होगी.
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किसी ऋणी की मृत्यु की स्थिति में उसके आश्रित को इसका लाभ मिलेगा.
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ओलावृष्टि व सुखाड़ समेत प्राकृतिक आपदा का भी मिलेगा लाभ
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