यह बात तो बिल्कुल आईने की तरह साफ है कि अगर समय रहते कोई कदम नहीं उठाए गए तो आगामी दिनों में स्थिति पूर्णत: विकराल हो सकती है और अगर स्थिति विकराल हुई तो इसका सीधा संकट मानव अस्तित्व पर पड़ेगा. क्या आप समझ पा रहे हैं कि हम किसकी बात कर रहे हैं? हम विकास के नाम पर विगत कई वर्षों से जिस तरह से वृक्षों की धड़ल्ले से कटाई की जा रही है. उसकी बात कर रहे हैं. विकास के नाम पर यह सिलसिला काफी तेजी से आगे बढ़ता जा रहा है, इसलिए इस पर विराम लगाने की नितांत आवश्यकता है, अन्यथा आगामी दिनों में स्थिति भयावह हो सकती है.
हालांकि, इस बात को खारिज नहीं किया जा सकता है कि पौधारोपण को नई रफ्तार देने के लिए कई कदम उठाए गए हैं. केंद्र से लेकर राज्य सरकारों ने पौधारोपण को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिसके सकारात्मक नतीजे भी देखे गए हैं. वहीं, जम्मू-कश्मीर सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए प्रदेश में 14 लाख पौधे लगाने का ऐलान किया है, जहां पौधों की नितांत आवश्यकता है.
ऐसा है पौधारोपण का प्लान
यहां हम आपको बताते चले कि प्रदेश सरकार की तरफ से पौधारोपण के लिए जम्मू संभाग के 1,802 लाख हेक्टेयर में 14 लाख पौधों लगाने का खाका खींचा गया है. वहीं, सर्दी के मौसम में 1,109 हेक्टेयर में 11 लाख पौधों लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. सरकार ने यह कदम प्रदेश में घटते पौधों की संख्या को ध्यान में रखते हुए उठाया है. पिछले कुछ दिनों से जिस तरह से पौधों की संख्या में कमी देखी जा रही है. उसे ध्यान में रखते हुए सरकार का यह कदम काफी उपयोगी माना जा रहा है. खैर, सरकार के इस कदम का प्रभाव प्रदेश की भौगोलिक स्थिति पर क्या कुछ असर पड़ता है. यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा.
ऐसे मुकम्मल होगा ये प्लान
वहीं, प्रदेश सेरकार ने अभी इस भावी योजना को मुकम्मल करने की दिशा में पूऱा खाका तैयार कर लिया है. सरकार की तरफ से साफ कहा जा चुका है कि अपने निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में ब्लॉक अध्यक्ष, प्रधान, पंजायत राज, चुनिंदा सरकारी अधिकारियों को इसमें शामिल किया जाएगा, ताकि सुगमता से उक्त लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके. यहां गौर करने वाली बात यह है कि इससे पहले भी सरकार की तरफ से पौधारोपण की दिशा में कई तरह के प्रयास किए जाते रहे हैं, लेकिन समुचित प्रयास के अभाव के नतीजतन जमीन पर इसके सकारात्मक असर नहीं दिखे. अब ऐसे में सरकार का यह हालिया कदम कितना उपयोगी साबित होता है. यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा.
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