अक्सर ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में ऐसे पाया गया है कि जब पशु में दूध देने की क्षमता कम हो जाती है या असहाय हो जाते हैं तो लोग उन्हें सड़कों पर आवारा छोड़ देते हैं, जिसमें कई पशुओं की मौत भूखे रहने से हो जाती है एवं कई बीमारियों के भी घेरे में आ जाते हैं.
ऐसे में राजस्थान सरकार ने पशुओं की सुरक्षा हेतु बड़े सख्त नियमों को लागू किया है. जिसमें अब गायों को पालने के लिए पशु मालिकों को लाइसेंस लेना पड़ेगा.
बता दें कि राजस्थान सरकार (Government of Rajasthan) की तरफ से लागू किये गए यह सख्त नियमों के अनुसार, प्रदेश में ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों के पशु मालिकों को गायों को पालने के लिए लाइसेंस (License) लेना अनिवार्य कर दिया है. यह लाइसेंस एक साल तक वेलिड होगा.
प्रदेश सरकार का मानना है कि इस नियम से प्रदेश में करीब 90 प्रतिशत पशु किसी भी प्रकार की बीमारी एवं भूख और प्यास से मरने से बच सकेंगे. राजस्थान सरकार की तरफ से लागू किये गए इन नियमों को नए गोपालन नियम नाम दिया गया है.
क्या है नए गोपालन नियम में (What is New Gopalan Rule?)
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राजस्थान सरकार की तरफ लागू किये गए नए गोपालन नियमों में पशुपालकों को निम्न बातों को ध्यान में रखना होगा.
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शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के पशुपालकों को गाय को रखने के लिए 100 गज जगह भी रखनी होगी.
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शहरी क्षेत्रों में आने वाले घरों में गाय-भैंस रखने के लिए एक साल का लाइसेंस लेना होगा.
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सड़कों पर आवारा घूमता पशु पाए जाने पर 10, 000 रूपए का जुर्माना भरना होगा.
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गाय और बछड़े से अधिक मवेशी होने पर लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा.
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पशुओं का गोबर को हर 10 वें दिन घर से बहार जा कर दूर कहीं डालना होगा.
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पशुओं के कान पर टैग लगा होना चाहिए, जिसमें पशु मालिक का नाम, मोबाइल नंबर एवं पता होना चाहिए.
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घर के बाहर रस्ते में या खुले स्थान पर पशुओं को बांधना वर्जित है.
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इसके अलावा लाइसेंस की शर्तों का यदि कोई उल्लंघन करता है तो उसका लाइसेंस कर दिया जायेगा, जिसके बाद पशुपालक कभी पशु नहीं पाल सकेंगे.
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