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ISF World Seed Congress 2024-Day 2: डिजिटल सीक्वेंस इंफॉर्मेशन (DSI) पर हुई चर्चा, जानें क्या रहा खास

ISF World Seed Congress 2024: नीदरलैंड में आयोजित आईएसएफ विश्व बीज कांग्रेस 2024 के दूसरे दिन, उद्योग के दिग्गज प्रमुख विषयों पर अपने-अपने विचारों को साझा किया. इस दौरान बीज नवाचार एवं वैश्विक सहयोग का भी जश्न मनाया जा रहा है.

KJ Staff
“डीएसआई के लिए एबीएस: कृषि और खाद्य सुरक्षा के लिए इसमें क्या है?” शीर्षक सत्र में विशेषज्ञ अपने मूल्यवान विचार साझा किए, फोटो साभार: कृषि जागरण
“डीएसआई के लिए एबीएस: कृषि और खाद्य सुरक्षा के लिए इसमें क्या है?” शीर्षक सत्र में विशेषज्ञ अपने मूल्यवान विचार साझा किए, फोटो साभार: कृषि जागरण

ISF World Seed Congress 2024:  नीदरलैंड में आयोजित ISF वर्ल्ड सीड कांग्रेस 2024 के दूसरे दिन की शुरुआत डिजिटल सीक्वेंस इंफॉर्मेशन (DSI) पर एक गहन चर्चा के साथ हुई. चैनल वर्ल्ड सीड सेशन में विशेषज्ञों ने 'DSI क्या है?' 'एक्सेस और बेनिफिट शेयरिंग (ABS) के संदर्भ में यह क्यों प्रासंगिक है?' और 'DSI पर ABS विनियमन प्लांट ब्रीडिंग और इनोवेशन को कैसे प्रभावित कर सकता है?' जैसे सामान्य प्रश्नों को संबोधित किया. इस सेशन का शीर्षक था "ABS फॉर DSI: एग्रीकल्चर एंड फूड सिक्योरिटी के लिए इसमें क्या है?" इसमें कृषि और खाद्य सुरक्षा का समर्थन करने के लिए संभावित समाधानों की भी खोज की गई.

अंतर्राष्ट्रीय संधि के अध्यक्ष, एल्विन कोप्से , फोटो साभार: कृषि जागरण
अंतर्राष्ट्रीय संधि के अध्यक्ष, एल्विन कोप्से , फोटो साभार: कृषि जागरण

खाद्य एवं कृषि के लिए पादप आनुवंशिक संसाधनों पर अंतर्राष्ट्रीय संधि के अध्यक्ष, एल्विन कोप्से ने अपने संबोधन में बहुपक्षीय शासन ढांचे के भीतर डिजिटल अनुक्रम सूचना (डीएसआई) पर चर्चा के महत्व पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा, "हमारी दुनिया कुछ हद तक विभाजित है और पिछले 20 वर्षों से हमने आनुवंशिक सामग्रियों के लिए पहुंच और लाभ-साझाकरण (एबीएस) के लाभों को समझने की आवश्यक भूमिकाएं विकसित करने पर ध्यान केंद्रित किया है. साथ ही, जैसे-जैसे तकनीक आगे बढ़ रही है, हम यह पता लगा रहे हैं कि कानूनी ढांचे को उसके अनुसार कैसे अनुकूलित किया जाए. यह कई कारणों से महत्वपूर्ण है, जिसमें जलवायु संकट को संबोधित करना और मजबूत कानूनी विनियमन सुनिश्चित करना शामिल है. लोग नियमों का पालन करते हैं क्योंकि वे उन पर भरोसा करते हैं, जिससे एबीएस को नज़रअंदाज़ न करना आवश्यक हो जाता है. यह एक महत्वपूर्ण विचार है और इसपर हमें सचेत इरादे से आगे बढ़ना चाहिए."

डच कृषि, प्रकृति और खाद्य गुणवत्ता मंत्रालय में वरिष्ठ नीति अधिकारी किम वैन सीटर्स, फोटो साभार: कृषि जागरण
डच कृषि, प्रकृति और खाद्य गुणवत्ता मंत्रालय में वरिष्ठ नीति अधिकारी किम वैन सीटर्स, फोटो साभार: कृषि जागरण

इसके बाद, डच कृषि, प्रकृति और खाद्य गुणवत्ता मंत्रालय में वरिष्ठ नीति अधिकारी किम वैन सीटर्स ने कहा, " जैविक विविधता पर कन्वेंशन (सीबीडी) की स्थापना 1992 में की गई थी. तब से, जीवन विज्ञान में तेजी से तकनीकी प्रगति और जीनोमिक जानकारी के उपयोग में वृद्धि हुई है, जिससे अनुसंधान और नवाचार का विस्तार हुआ है. इस विस्तार में भौतिक आनुवंशिक संसाधनों में जीनोमिक जानकारी को शामिल करने की संभावना शामिल है. नतीजतन, इस बात पर चर्चा शुरू हो गई है कि क्या जीनोमिक जानकारी का उपयोग एक्सेस और लाभ-साझाकरण (एबीएस) दायित्वों के अधीन होना चाहिए. नागोया प्रोटोकॉल अनुबंधों के बारे में चिंताएं पैदा हुई है, विशेष रूप से कि द्विपक्षीय दृष्टिकोण के परिणामस्वरूप आनुवंशिक संसाधनों के उपयोग से लाभ-साझाकरण कम हो सकता है और संभावित खामियां हो सकती हैं."

जेनेटिक रिसोर्सेज की प्रमुख जैस्मिना मुमिनोविक (सुसिक), फोटो साभार: कृषि जागरण
जेनेटिक रिसोर्सेज की प्रमुख जैस्मिना मुमिनोविक (सुसिक), फोटो साभार: कृषि जागरण

बेयर क्रॉप साइंस में जेनेटिक रिसोर्सेज की प्रमुख जैस्मिना मुमिनोविक (सुसिक) ने कहा, "डिजिटल अनुक्रम सूचना के लिए कोई स्पष्ट परिभाषा नहीं है. हम डीएनए, आरएनए और प्रोटीन संरचनाओं जैसे आनुवंशिक अनुक्रमों पर चर्चा कर सकते हैं. एक अत्यधिक तकनीकी मुद्दा होने के अलावा, यह एक महत्वपूर्ण राजनीतिक चर्चा भी है. हमें वैश्विक दक्षिण और उत्तर के बीच राजनीतिक चुनौतियों का समाधान खोजने की आवश्यकता है. वर्तमान प्रणाली में संभावित खामियाँ हैं, जो भौतिक आनुवंशिक सामग्री के इर्द-गिर्द डिज़ाइन की गई हैं, जो लाभ साझा करने में बाधा डालती हैं."

ये भी पढ़ें: नवाचार पर केंद्रित है ISF World Seed Congress 2024: आईएसएफ उपाध्यक्ष आर्थर संतोष अत्तावर

एग्रोडेमी एंटरप्राइजेज की प्रमुख परियोजना प्रबंधक लूसी चिओमा एनियागोलू , फोटो साभार: कृषि जागरण
एग्रोडेमी एंटरप्राइजेज की प्रमुख परियोजना प्रबंधक लूसी चिओमा एनियागोलू , फोटो साभार: कृषि जागरण

इसके अलावा, एग्रोडेमी एंटरप्राइजेज की प्रमुख परियोजना प्रबंधक लूसी चिओमा एनियागोलू ने साझा किया, "अफ्रीका में दुनिया की 60 प्रतिशत कृषि योग्य भूमि है, फिर भी फसल कटाई के बाद होने वाले नुकसान के कारण यह सबसे अधिक खाद्य-असुरक्षित क्षेत्रों में से एक है. एक युवा व्यक्ति के रूप में यह बातचीत मेरे लिए महत्वपूर्ण है. AI जैसी तकनीक युवाओं को अपने ज्ञान और अनुभव को क्षेत्र में लागू करने में सक्षम बनाती है. हालाँकि, हम अक्सर पुरानी पीढ़ियों की तुलना में कम जानकारी रखते हैं. लाभों को उजागर करना महत्वपूर्ण है ताकि युवा लोग इसे समझ सकें और अधिक जुड़ सकें. किसानों के लिए, हमें प्रक्रिया को सरल बनाना चाहिए ताकि वे इसे आसानी से समझ सकें."

English Summary: ISF World Seed Congress 2024 Day 2 Discussion on Digital Sequence Information DSI latest News Published on: 28 May 2024, 03:11 PM IST

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