महिलाएं ग्रामीण अर्थव्यवस्था (Rural Economy) की रीढ़ हैं, खासकर विकासशील देशों में. महिलाएं दुनिया के किसानों का लगभग आधा हिस्सा हैं और पिछले कुछ दशकों में, उन्होंने कृषि में अपनी भागीदारी को व्यापक बनाया है. इसी संदर्भ में अंतराष्ट्रीय महिला दिवस (International Women's Day) पर यानी 8 मार्च 2022 को कृषि जागरण ने "अग्रिवोमन इकनोमिक एंड सोशल चेंज-दा फ्यूचर ऑफ़ वोमेनोमिक्स" (Agriwoman Economic & Social Change- the Future of Womenomics) को लेकर वेबिनार का आयोजन किया. खास बात यह है कि महिलाओं ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कृषि जागरण प्लेटफार्म पर चार-चांद लगा दिए.
सबसे पहले कृषि जागरण के इस मंच पर सल्फर मिल्स लिमिटेड की प्रबंध निदेशक श्रीमती कोमल शाह भुखानवाला ने महिला सशक्तिकरण (Women Empowerment) को लेकर बात कही और कहा कि 51 प्रतिशत महिलाएं अनेमिया जैसी बीमारी से गुज़र रही हैं. इसलिए इनको शुरू से ही यानी यंगर ऐज से ही सपोर्ट मिलना चाहिए. आगे इन्होंने कहा कि "इसमें कोई शक नहीं कि एग्रीइंडस्ट्री (Agri Industry) में महिलाओं ने अपना लोहा मनवाया है. बस अब उन्हें थोड़े से सपोर्ट की जरूरत है".
इसके अतिरिक्त इस वेबिनार में महिला किसान सुनीता बरोड़ ने भी अपनी आवाज़ बुलंद की और कहा कि "हम महिलाएं साथ मिलकर एक ग्रुप बनाकर किसानी में काम कर रहे हैं और इससे जुड़ा बिज़नेस चला रहे हैं जिससे हमारी आर्थिक हालत सुधर रही हैं और एक दूसरे को सहारा भी दे रहे हैं.
इसके बाद इन्होंने कृषि जागरण के मंच पर अपनी मांग रखी कि उन्हें कृषि यंत्रों (Agriculture Machinery) के बारे में और अधिक जानकारी चाहिए ताकि एडवांस्ड कृषि यंत्रों को यह सभी महिलाएं अपने रोजमर्रे के काम में ला पाएं.
इसके बाद इनोटेरा टेक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की प्रबंध निदेशक श्रीमती सुनीति गुप्ता ने कृषि जागरण के मंच पर अपने विचार व्यक्त करें और कहा कि "महिलाओं को इकोनॉमिक और सोशल दोनों ही सपोर्ट मिलना चाहिए ताकि और और बढ़-चढ़कर सामने आ सके और कदम से कदम मिलाकर चल सकें. इसके अलावा इन्होंने आगे कहा कि महिलाएं टेक्नोलॉजी (Technology) को बहुत अच्छी तरह से समझ पाती है. साथ ही पुरूषों को भी यह समझना चाहिए और महिलाओं को सपोर्ट करना चाहिए क्योंकि महिलाएं घर से लेकर ऑफिस तक सब कुछ संभालती हैं".
इस वेबिनार को आगे बढ़ाते हुए राष्ट्रीय कृषि विस्तार प्रबंधन संस्थान की उप निदेशक डॉ. वीनीता कुमारी ने महिलाओं को प्रोत्साहित करने पर ज़ोर दिया साथ ही उन्होंने कथित तौर पर कहा कि वोमेन फार्मर को वीमेन अग्रिपरेनुएर (Women Farmer to Women Agriprenuer) बनने की जरूरत है, यानी महिलाओं को खेती से लेकर एक एग्रीवोमेन बिज़नेस शुरू करने के बेहद जरूरत है जिससे उनकी आर्थिक हालत में और भी ज़्यादा सुधार हो सकेगा.
खास बात यह है कि वीनीता कुमारी ने महिलाओं को वित्तीय साक्षरता (Financial Literacy) पर जोर देते हुए कहा कि महिलाओं को खुद अपने लेन-देन करने चाहिए चाहें वो बैंक खाता खुलवाना हो या फिर किसी को पैसे ट्रांसफर (Financial Transactions) करने हो. साथ ही महिलाओं को आत्मनिर्भर (Atmanirbhar Women) बनना बहुत जरूरी है तभी जाकर इकनोमिक या आर्थिक मामले में महिलाएं अपना वजूद दिखा सकेंगी".
रिवुलिस इरिगेशन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की व्यवसाय निदेशक डॉ. संगीता लधा ने इस वेबिनार में कहा कि "महिलाओं को बेसिक रिसोर्स की बहुत जरूरत है यदि महिलाओं को पुरूषों की तरह ही पहले से सपोर्ट और रिसोर्सेज (Support & Basic Resources) मिल जाएं तो वो अपने हर क्षेत्र में जबरदस्त प्रदर्शन कर पाएंगी. इसके अलावा इन्होंने आगे कहा कि महिलाओं को टेक्निकल इनोवेशन (Technical Innovation) यानी टेक्नोलॉजी में आगे बढ़ना चाहिए ताकि उन्हें कृषि में किसी भी तरह की कृषि यंत्रों को लेकर परेशानी ना आये".
यही नहीं इस वेबिनार ने श्रीमती सरला मान, महिला किसान, पति पत्नी फार्म, डॉ. सुधा मैसूर, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, एग्रीनोवेट इंडिया, श्रीमती संगीता डावर मेहंदीरत्ता, लीड गवर्नमेंट अफेयर्स पब्लिक अफेयर्स, साइंस एंड सस्टेनेबिलिटी, बायर क्रॉप साइंस लिमिटेड, श्रीमती संदीप कानिटकर, सीएमडी और संस्थापक, कान बायोसिस, श्रीमती नेहा, मंगर जेंडर, सॉलिडेरिडाड नेटवर्क एशिया, श्रीमती बबीता सिंह, प्रोजेक्ट लीड, (जीईएफ इंडिया) रेनफॉरेस्ट एलायंस, श्रीमती जाह्नवी मुदुनुरु, रीजनल मार्केटिंग लीड, गोदरेज एग्रोवेट, श्रीमती प्रिया सोनी, सहायक उत्पाद प्रबंधक, आयुर्वेद लिमिटेड, श्रीमती चारु चतुर्वेदी, संस्थापक, एग्रीगेटर, श्रीमती कविता सैरराम, संस्थापक और सीईओ, एफआईबी-एसओएल लाइफ टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड, श्रीमती कीया सालोट, सह-संस्थापक, Farm2Fam और श्रीमती अनामिका पांडे, संस्थापक, नारियो ने भी हिस्सा लिया और महिलाओं के सशक्तिकरण से लेकर उन्हें आगे बढ़ाने की बातें रखीं.
Share your comments