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अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2019 : नारी विषयक महापुरुषों के विचार

आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस है. यह हर साल 8 मार्च को विश्वभर में मनाया जाता है. इस दिन विश्व के अलग-अलग जगहों पर महिलाओं के प्रति सम्मान, प्रशंसा और प्यार प्रकट करते हुए उनके आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक उपलब्धियों को गिनाते हुए एक उत्सव के तौर पर मनाया जाता है.

विवेक कुमार राय
International Women's Day
International Women's Day

आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस है. यह हर साल 8 मार्च को विश्वभर में मनाया जाता है. इस दिन विश्व के अलग-अलग जगहों पर महिलाओं के प्रति सम्मान, प्रशंसा और प्यार प्रकट करते हुए उनके आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक उपलब्धियों को गिनाते हुए एक उत्सव के तौर पर मनाया जाता है.

गौरतलब है कि विश्वभर में घर हो या बाहर प्रत्येक महिला काम करती दिखती हैं. प्रत्येक महिला कहीं न कहीं प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप में अवश्य ही काम करती हैं. कुछ महिलाएं घर संभालने में ही अपनी पूरी जिंदगी व्यतीत कर देती हैं जबकि कुछ महिलाएं घर को संभालने के साथ-साथ घर के बाहर (ऑफिस) भी काम करती हैं. महिलाओं के इन्हीं त्याग और संयम के मद्देनजर सभी धर्मों में पहला स्थान दिया गया है. हिन्दू धर्म में तो महिलाओं को नारायणी का दर्जा प्राप्त है. लेकिन समय के साथ-साथ उनके सम्मान स्थि‍ति और उससे जुड़ी परिस्थि‍तियों में कई परिवर्तन भी आए. और कई महापुरुषों के द्वारा उनको लेकर सुविचार व्यक्त किए गए.

आइए जानते हैं महिलाओं के बारे में किस महापुरुष ने क्या कहा है-

स्वामी विवेकानन्द

‘स्त्रियों की पूजा करके ही सब जातियां बड़ी हुई हैं . जिस देश में,जिस जाति में स्त्रियों की पूजा नहीं होती, वह देश,वह जाति कभी बड़ी नहीं हुई और न हो सकेगी. तुम्हारी जाति का जो अध:पतन हुआ है,उसका प्रधान कारण है,इन्हीं सब शक्ति—मूर्तियों की अवहेलना ।....

महात्मा गांधी

आदमी जितनी बुराइयों के लिए ज़िम्मेदार है . उनमें सबसे घटिया नारी जाति का दुरुपयोग है. वह अबला नहीं, नारी है.' उन्होंने आगे लिखा था, 'स्त्री को चाहिए कि वह खुद को पुरुष के भोग की वस्तु मानना बंद कर दे. इसका इलाज पुरुषों के बजाय स्त्री के हाथ में ज्यादा है. उसे पुरुष की खातिर- जिसमें पति भी शामिल है, सजने से इनकार कर देना चाहिए. तभी वह पुरुष के साथ बराबर की साझीदार बनेगी.'

डॉ. भीमराव आंबेडकर  

“नारी राष्ट्र की निर्मात्री है, हर नागरिक उसकी गोद में पलकर बढ़ता है,नारी को जागृत किए बिना राष्ट्र का विकास संभव नहीं है.”

तुलसी दास

जननी सम जानहिं पर नारी ।
तिन्ह के मन सुभ सदन तुम्हारे ।।2।।

‘जो पुरुष अपनी पत्नी के अलावा किसी और स्त्री को अपनी माँ सामान समझता है, उसी के ह्रदय में भगवान का निवास स्थान होता है. जो पुरुष दूसरी औरतों के साथ सम्बन्ध बनाते हैं वह पापी होते हैं, उनसे ईश्वर हमेशा दूर रहता है.‘

English Summary: International Women's Day special Views of great men Published on: 08 March 2019, 12:36 PM IST

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