आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर इनदिनों सारी राजनितिक पार्टियां सियासी जमीं पर अपनी-अपनी पकड़ मजबूत करने में लगी हुई है. इसी कड़ी में मोदी सरकार ने किसानों को रिझाने के लिए नया फार्मूला निकाला है. मीडिया में आई ख़बरों के मुताबिक मोदी सरकार समय से कृषि ऋण का भुगतान करने वाले किसानों को बड़ी छूट देने जा रही है. जो किसान सरकार को समय पर अपनी कर्ज किस्त का भुगतान करेंगे, सरकार उन सभी किसानों की ब्याज पूरी तरह से माफ करने की तैयारी में है. इससे सरकारी खजाने पर 15 हजार करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा.
ख़बरों की माने तो मोदी सरकार किसानों को यह लाभ नए साल पर तोहफे के रूप में देगी. सरकार खाद्य फसलों के लिए ली जाने वाली इंश्योरेंस पॉलिसी का बीमा प्रीमियम भी पूरी तरह माफ करने पर विचार कर रही है। इसके अलावा, उद्यानिकी फसलों का प्रीमियम घटाने पर भी विचार कर रही है. इस योजना के तहत खरीफ फसलों पर दो प्रतिशत, रबी फसलों पर डेढ़ प्रतिशत और बागवानी एवं व्यावसायिक फसलों पर पांच प्रतिशत प्रीमियम किसानो को देना होता है. शेष प्रीमियम का भुगतान केंद्र सरकार तथा संबंधित राज्य सरकारें आधा-आधा करती हैं. सूत्रों के अनुसार, किसान अभी खरीफ तथा रबी फसलों पर करीब पांच हजार करोड़ रुपए का प्रीमियम भर रहे हैं. यदि प्रीमियम में छूट दी गयी तो किसानों का बोझ और कम हो जाएगा.
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में सत्ता गंवाने के बाद भाजपा के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार कृषि क्षेत्र की बदहाली पर ध्यान केंद्रित कर रही है. मोदी सरकार किसानों को तत्काल राहत देने के लिए इस प्रस्ताव पर विचार कर रही है कि जो किसान समय पर अपने फसल ऋण का भुगतान करते हैं उनका 4% का ब्याज माफ कर दिया जाएगा।फ़िलहाल किसानों को काम समय के लिए 3 लाख रुपये तक का कर्ज 7 फीसदी के ब्याज दर पर इस समय उपलब्ध कराया जा रहा है. जिसमें सरकार की ओर से फिलहाल समय पर भुगतान करने वाले किसानों को ब्याज में 3% की छूट दी जाती है.
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